ओवैसी को इलाहाबाद में रैली की इजाज़त क्यों नहीं: हाईकोर्ट

इलाहाबाद, यूपी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असदुद्दीन ओवैसी की इलाहाबाद में होने वाली रैली की इजाज़त ना देने पर अखिलेश सरकार से जवाब तलब किया हैं। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को रैली की इजाज़त न देने की वजह पूछी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन हफ्ते में इस मुद्दे पर विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस राकेश तिवारी और जस्टिस मुख्तार अहमद की खंडपीठ ने यूपी सरकार की तरफ से दाखिल संक्षिप्त हलफनामे पर असंतोष जताते हुए ये आदेश जारी किया। यूपी सरकार के स्थायी एडवोकेट ने कोर्ट में दाखिल हलफनामे में सिर्फ इतना कहा गया है कि राज्य सरकार ने 15 मार्च को शहर में ओवैसी की रैली के लिए अनुमति नहीं दी थी। कोर्ट ने सुनवाई को दौरान कहा कि पिछली तारीख 20 जुलाई को उसने यूपी सरकार को वह तथ्य पेश करने का निर्देश दिया था जिसके आधार पर याचिकाकर्ता को उनकी पार्टी की रैली करने के लिए दी गई परमिशन रद्द कर दी गई थी।

एमआईएम के इलाहाबाद शहर के कोऑर्डिनेटर अफसर महमूद ने यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ ये याचिका दाखिल की थी। अफसर महमूद की याचिका पर यह आदेश जारी किया। अफसर महमूद ने आरोप लगाया था कि जिला प्रशासन ने शुरूआत में रैली की परमिशन दे दी थी लेकिन बाद में मुलायम सिंह यादव और मंत्री आजम खान के निर्देशों पर 9 मार्च को परमिशन रद्द कर दी गयी। इस याचिका में दोनों सपा नेताओं को भी पार्टी बनाया गया है।

हाईकोर्ट में इस केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट रिजवान कुरैशी ने कहा कि आज हमने राज्य सरकार के इस आरोप को भी चुनौती दी कि लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी नफरत भरे भाषण देते हैं। उन्होंने कहा कि हमने बिहार का उदाहरण दिया जहां एमआईएम अध्यक्ष ओवैसी ने किशनगंज जिले में एक बड़ी रैली की जो बेहद शांतिपूर्ण रही और जहां से किसी तरह के भड़काउ भाषण की कोई खबर नहीं आई। बता दें कि इस साल के शुरुआत में सांसद असदुद्दीन ओवैसी की मार्च- अप्रैल और जून में तीन मौकों पर रैली करने कि लिए इजाज़त मांगी गई थी लेकिन प्रशासन ने शांति भंग होने का अंदेशा ज़ाहिर करके रैली की परमिशन नहीं दी थी। इस धेश के खिलाफ एमआईएम की ज़िला यूनिट ने एक याचिका दाखिल की थी।