कर्नाटक के उडुपी में एक सरकार कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर विवाद काफी गहरा गया है। मामला हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास सुनवाई के लिए पहुंच चुका है। उडुपी बले ही लखनऊ से काफी दूर है, लेकिन हिजाब विवाद एक भावनात्मक मुद्दा है जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यूपी चुनाव में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने में मदद कर सकता है।
मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इस मुद्दे को सड़कों पर, हाईकोर्ट में, राजनेताओं द्वारा सोशल मीडिया के साथ-साथ संसद में भी उठाया जा रहा है। कर्नाटक में हिंदुत्व के पैरोकार निजता के अधिकार और किसी की पोशाक चुनने के मौलिक अधिकार पर पुट्टुस्वामी के फैसले से परेशान नहीं हैं। यहां तक कि 8 पार्टियों के विपक्षी सांसदों ने भी यह कहते हुए वॉक आउट किया कि हिजाब पहनना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में डर का माहौल बनाया जा रहा है।
बीजेपी को मिल सकता है ध्रुवीकरण का फायदा
बीजेपी को ऐसे मुद्दे की सख्त जरूरत है। यहां तक कि विपक्ष को भी इसकी जरूरत है। विपक्ष को इस बात का अंदाजा है कि राज्य की एक बड़ी आबादी सांप्रदायिक आधार पर वोट करती थी। राज्य में हिंदू मतदाता ‘भ्रमित’ हैं। वे यह तय करने में असमर्थ हैं कि बढ़ती कीमतों, युवा बेरोजगारी, कृषि में गिरती आय और किसानों के मुद्दे को सामने धार्मिक भावनाओं को प्राथमिकता दी जाए या नहीं।