यूपी के सियासी दलों भाजपा, कांग्रेस के साथ ही रालोद और आम आदमी पार्टी को नए प्रदेश अध्यक्षों की तलाश है। मिशन-2024 की रणनीति बनाने के मद्देनज़र जहां इन अध्यक्षों की भूमिका अहम होगी। वहीं पार्टी नेतृत्व के लिए भी नेता का चयन चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। भाजपा में इसे लेकर जहां मंथन जारी है तो कांग्रेस, रालोद व आप भी नए चेहरे की तलाश में हैं।
ब्राह्मण को चुने या दलित बनाएं, मंथन में उलझी भाजपा
भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को पार्टी ने विधानसभा चुनावों में जीत का तोहफा देते हुए कैबिनेट मंत्री बना दिया है। नतीजतन, एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर अमल करते हुए पार्टी को जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष बदलना है। पार्टी लोकसभा चुनावों में ब्राह्मण चेहरे के साथ चुनाव में उतरती रही है जबकि विधानसभा चुनावों में ओबीसी चेहरे पर दांव लगाया जाता रहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो संगठन मंथन में जुटा है कि इस बार अध्यक्ष किसे बनाया जाए। पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव में दलितों ने पार्टी को जमकर वोट दिया। भाजपा का कुछ ओबीसी वोट मसलन, कुर्मी पार्टी से छिटके भी।
लिहाजा, ऐसे हालात में जबकि ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाकर पार्टी ने ब्राह्मण समाज में संदेश दिया है, संभावना जताई जा रही है कि पार्टी दलित चेहरे पर दांव लगाएगी। ब्राह्मण चेहरों में जहां सतीश गौतम, सुब्रत पाठक, महेश शर्मा, हरीश द्विवेदी आदि की चर्चाएं हैं। वहीं दलित-ओबीसी चेहरों में केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा(लोध) के अलावा जालौन के सांसद भानु वर्मा(एससी) और विद्या सागर सोनकर(एससी) की चर्चाएं हैं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कार्यकाल अभी 2023 में खत्म होना है लेकिन लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी पार्टी यह बदलाव एक महीने के भीतर करे तो हैरत नहीं।
कांग्रेस में भी चल रहा है मंथन
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अजय कुमार लल्लू ने विधानसभा चुनावों में अपनी व पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण 15 मार्च को इस्तीफा दे चुके हैं। तब से कांग्रेस हाईकमान कई दिग्गजों के नाम पर मंथन करने में जुटे हैं। पार्टी के अंदरखाने में चर्चा है कि अध्यक्ष के साथ प्रदेश में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएंगे। एक महीने 20 दिन बीत जाने के बाद भी किसी नाम पर सहमति नहीं जताई गई। फिलहाल, कांग्रेस के कई दिग्गजों जैसे निर्मल खत्री, प्रमोद तिवारी, नदीम जावेद, पीएल पुनिया, राजेश मिश्रा व प्रमोद कृष्णम के नाम चर्चा में हैं। पार्टी के कई दिग्गज फिलहाल दिल्ली में हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने के लिए जल्द ही इस पर फैसला होगा।
आम आदमी पार्टी ने भी भंग कर रखी है कमेटी
विधानसभा चुनाव के बाद से आम आदमी पार्टी की प्रदेश कमेटी भी भंग चल रही है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रदेश कमेटी के साथ ही सभी जिला, महानगर व विधानसभा समेत प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी भी भंग करने की घोषणा की थी। उन्होंने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को सदस्यता अभियान की निगरानी के लिए अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी है। प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इसका सभी को इंतजार है।
रालोद में भी नहीं है प्रदेश अध्यक्ष
रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने 14 मार्च को चुनाव के बाद प्रदेश कार्यसमिति को भंग कर दिया था। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने पार्टी छोड़ दी। रालोद में पूर्व विधायक शिवकरण सिंह, राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे, पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा के नामों की प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चा है।
बसपा में प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चाएं
बसपा भी विधानसभा में अपेक्षित नतीजे नहीं पा सकी। मायावती ने चुनाव बाद कई बदलाव किए हैं। कोआर्डिनेटर व्यवस्था खत्म करने के बाद मंडलीय प्रभारी बनाए गए हैं। माना जा रहा है कि मिशन-2024 के मद्देनज़र पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भीम राजभर के बजाय किसी अन्य पर दांव लगा सकती है।