पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई के 75 साल पूरे होने पर कोटा में यूनिटी मार्च निकाला गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में फ्रंट से जुड़े कार्यकर्ता मौजूद रहे। हालांकि, पुलिस-प्रशासन के लिए इस यूनिटी मार्च को लेकर काफी चुनौतियां भी सामने आई। यूनिटी मार्च अग्रसेन चैराहे से शुरू हुआ जिसमें काफी संख्या में महिलाएं और युवतियां भी हिजाब पहने मौजूद रही।
जिलाध्यक्ष साजिद खान ने बताया कि 75 साल पूरे होने पर आज जो यूनिटी मार्च निकाला गया है उसका मकसद गणतंत्र बचाओ मुहिम है। हिजाब को लेकर जिस तरह से देश में राजनीति हो रही है और एक धर्म को बदनाम किया जा रहा है यह गलत है। आज कोटा में जो रैली निकाली गई है इसकी परमिशन को लेकर भी कई लोगों ने अड़चनें पैदा की। लेकिन वह सफल नहीं हुए और जिला प्रशासन ने हमें रैली निकालने की स्वीकृति दी।
सैयद सरवर चिस्ती ने महिलाओं को लेकर बोले अपशब्द
पीएफआई के स्थापना दिवस पर मौजूद रहे अजमेर दरगाह के गद्दी नशीन खादिम सैयद सरवर चिस्ती ने महिलाओं को लेकर अपशब्द बोला है। सैयद सरवर चिस्ती ने कहा की कई मीडिया चैनल पर कुछ मुस्लिम दलाल औरतें बैठकर डिबेट करती है और खुद को इस्लाम की जानकार बताती है। ऐसी महिलाऐं भाजपा के इशारे पर काम करती है।
उन्होंने कहा की इन महिलाओं के दादा और परदादा शराब पीते थे लेकिन इस्लाम में शराब जायज नहीं है। वहीं सैयद सरवर चिस्ती ने विवादित बयान देते हुए कहा की ‘अल्ला हू अकबर’ का नारा देने वाली लड़की को 25-30 भगवा धारी भेडियों ने घेर लिया था उसपर हमला करते हुए टूट पड़े।
कोटा में पीएफआई की रैली पर उठे कई सवाल
कोटा मे हुई पीएफआई की रैली को लेकर भाजपा प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की इस संस्था को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था तो इसको इतनी बड़ी रैली कोटा में करने की इजाजत क्यों दी गई ? तो वहीं प्रशासन ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। हांलाकि, कोटा प्रशासन ने बकायदा इस रैली को करने के लिए लेटर भी जारी किया था। इस रैली में सैकड़ों की तादात में मुस्लिम महिलाएं और युवतियां मौजूद थी जिन्होंने हिजाब पहन रखा था और ये संदेश दिया की हिजाब इस्लाम में मुस्लिम महिलाओं का अधिकार है।