मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। पुलिस का दावा है कि वो इस हिंसा के आरोपियों को ढूंढ-ढूंढ कर उनपर कड़ी कार्रवाई कर रही है। इस बीच बुधवार को मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग खरगोन में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में पहुंच गये। इन लोगों ने खरगोन हिंसा के बाद पुलिसिया कार्रवाई को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है।
मीडिया से बातचीत में समुदाय के लोगों ने कहा, ‘हम मुस्लिम समुदाय के लोग पुलिस की एकतरफा कार्रवाई को लेकर यहां आए हैं। वो लोग बिना पुख्ता सबूत के निर्दोष मुस्लिम बच्चों और युवाओं को गिरफ्तार कर रहे हैं। हमने एसपी से बातचीत की है और कहा है कि हमारे लोगों को रिहा किया जाना चाहिए।’
इधर इस पूरे मसले पर खरगोन के एएसपी नीरज चौरसिया ने कहा, ‘कुछ लोग यहां आए थे, वो हमपर हिंसा के बाद गिरफ्तार किये गये लोगों को लेकर दबाव बनाने आए थे। उनसे कहा गया है कि वीडियो फुटेज के एनालिसिस के बाद निर्दोष लोगों को जरूर रिहा कर दिया जाएगा लेकिन जो लोग भी इस हिंसा में संलिप्त पाए जाएंगे उनपर कड़ी कार्रवाई होगी।
बता दें कि 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन जुलूस निकालने के दौरान खरगोन में हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में जमकर बवाल हुआ था और पत्थरबाजी की गई थी। आगजनी की घटना भी सामने आई थी। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने एसपी को भी गोली मार दी थी। इस घटना के बाद राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने साफ कहा था कि इस हिंसा के दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा और उनपर कड़ी कार्रवाई होगी।
इस हिंसा के कई आरोपियों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया है। पुलिस ने इस मामले में 70 से ज्यादा केस दर्ज किये हैं। इसके अलावा 180 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।