दुनिया भर करीब दस लाख तीर्थयात्री सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में हज के लिए पहुंचे हैं। यह ऐसा मौका है जब कोरोना वायरस के बाद वहां ऐसी भीड़ उमड़ी है। इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक मानी गई हज यात्रा का पहला दिन आज ही है। पहले दिन मक्का शहर में मुस्लिम अनुयायियों की भीड़ नजर आई। बताया गया कि करीब दस लाख यात्री वहां पहुंचे हैं।
दरअसल, सऊदी अरब ने इस बार करीब एक मिलियन हज अनुयायियों को तीर्थयात्रा की मंजूरी दी है। साल 2019 के बाद पहला मौका है जब इतनी भारी संख्या में तीर्थयात्री यहां पहुंचे हैं। सऊदी स्थित मक्का इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद की जन्मस्थली है। इसलिए यह जगह मुसलमानों के लिए काफी पवित्र है। हज यात्रा को इस्लाम में इतना महत्वपूर्ण माना गया है कि हर मुसलमान को जीवन में कम से कम एक बार हज पर जरूर जाने के लिए कहा गया है।
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक हमेशा की तरह इस बार भी मक्का शहर में हज यात्रियों के लिए वैसी ही व्यवस्था की गई है। तीर्थयात्रियों में इस बार कोरोना के प्रति सावधानी भी दिखी है। सऊदी अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को मस्जिद में कप से कुछ पीने की अनुमति देने के बजाय पवित्र पानी की बोतलें वितरित कीं। हजारों चिकित्साकर्मी जरूरतमंदों की सहायता के लिए तैयार हैं। कोरोना की वैक्सीन लिए हुए यात्री ही इस यात्रा पर जा सकते हैं।
अधिकारियों का अनुमान है कि करीब 85% विदेशी यात्री पहुंचे हैं। मक्का पहुंचे एक तीर्थयात्री ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उनके लिए यह सबसे बड़ी खुशी का मौका है। हज यात्रा के बारे में यह बताया जाता है कि इस्लाम में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम है उसे अपने जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए।
यह भी बताया जाता है कि हज यात्रा करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और वह अल्लाह के करीब आता है। हज यात्रा के दौरान कई तरह की रस्म निभाई जाती हैं। इसके साथ ही हाजी अल्लाह से अपने पापों को माफ करने की दुआ मांगते हैं। इसके लिए वे एक पूरी रात खुले में बिताते हैं। इसी दिन बकरीद मनाई जाती है। हज यात्रा के बाद कुछ लोग अपने बाल कटाते हैं। इसके साथ ही हज यात्रा पूरी होती है।