Zee sammelan 2022 : नरेंद्र मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जी न्यूज के खास कार्यक्रम Zee Sammelan 2022 में शिरकत की. जब उनसे पूछा गया कि क्या देश की राजनीति से ध्रुवीकरण खत्म हो गया है और अगर नहीं तो कब तक खत्म हो जाएगा? इस पर उन्होंने कहा कि अगर ध्रुवीकरण हमारे देश में होता, हमारी सरकार या उससे पहले जो रही हो तो बीजेपी को 37-38 प्रतिशत वोट मिलते हैं और बाकी पार्टियों को 62-63 प्रतिशत. इसका मतलब है कि अगर ध्रुवीकरण धर्म या कास्ट के आधार पर हो तो उस पार्टी, जिसके पक्ष में ध्रुवीकरण हो तो उसको कम से कम 80 प्रतिशत वोट तो मिलने चाहिए. यानी इस देश में जो लोकतंत्र की जड़ें हैं, वो काफी मजबूत हैं. लोग अपनी सोच, अपनी समझ से पार्टी के गुण-दोष के आधार पर वोट करते हैं. इसलिए मुझे कहीं ध्रुवीकरण नजर नहीं आता.
‘भारत-पाकिस्तान का दिया उदाहरण’
आगे उन्होंने कहा, अगर ध्रुवीकरण इस मुल्क में होता तो आजादी के बाद एक भारत है और एक पाकिस्तान, जिसने इस्लामिक झंडा फहराया. जबकि भारत ने पंथनिरपेक्षता का. तब भारत में अल्पसंख्यक थे 8 प्रतिशत और पाकिस्तान में थे 24 प्रतिशत. आज हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक हैं 22 प्रतिशत और पाकिस्तान में हैं एक प्रतिशत या सवा प्रतिशत. यानी भारत की संस्कृति, संस्कार समावेशी है. इसलिए जब हम सर्वधर्म सद्भाव की बात करते हैं तो वही हमारा ध्रुवीकरण है, वही देश की संस्कृति और संस्कार भी है.
‘अलकायदा-पाक के प्रेशर में नहीं चलता देश’
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने कहा, ये देश कठमुल्लाओं, अलकायदा, पाकिस्तान के प्रेशर में नहीं चलता. हमारे देश में इस वक्त विकास की केवल एक धारा है और वह है सर्वसमावेशी विकास. हम जाति, धर्म, चेहरा नहीं देखते. भारत का विकास होगा तभी समुदायों का विकास होगा. आगे उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी का विकास का मसौदा वोट का सौदा नहीं है. हमने मुसलमानों के साथ सियासी छल को खत्म किया है. योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यकों को कई जगहों पर बेहतर मिला है. अगर पैगंबर का सम्मान जरूरी है तो दूसरों की भावनाओं का भी सम्मान करें.
मुसलमानों को टिकट क्यों नहीं देती बीजेपी
जब मुख्तार अब्बास नकवी से पूछा गया कि उनकी पार्टी मुसलमानों को वोट क्यों नहीं देती तो उन्होंने कहा, विधानसभा और लोकसभा में झोली भर-भरकर टिकट बांटने का काम तो कांग्रेस और बाकी पार्टियां करती रही हैं. सच्चर कमेटी ने भी कहा कि मुसलमानों के साथ राजनीतिक छल किया गया है. उनकी शिक्षा नहीं हुई, वो गरीबी में है, उनका डेवेलपमेंट नहीं हुआ. तरक्की-नौकरी में वो कम हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 8 वर्षों में स्थिति सुधरी है. पॉलिसी पैरालिसिस में सिर्फ हिंदू-मुसलमान ही प्रभावित नहीं होता, पूरा देश होता है.