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11 Feb 2025, Tue

शिवपाल यादव दोहराएंगे मुलायम वाला इतिहास? बीजेपी को अखिलेश के बड़े नुकसान की उम्मीद

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार अपने कामकाज में जुट चुकी है तो दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) अंदरुनी कलह से जूझ रही है। अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बीच मुलायम सिंह यादव के कुनबे में दरार आ गई है। वैसे तो दोनों ही ओर से चुप्पी साध ली गई है, लेकिन खामाशी भी काफी कुछ बयां कर रही है। इस बीच भाजपा शिवपाल यादव के आने से अखिलेश यादव के बड़े नुकसान की उम्मीद लगा रही है।

2022 विधानसभा चुनाव में साइकिल निशान पर जीतकर विधानसभा पहुंचे शिवपाल यादव कभी सपा में दूसरे सबसे बड़े नेता थे। मुलायम सिंह यादव के बाद किसी ने सबसे अधिक मेहनत की थी तो वह शिवपाल ही थे। लेकिन अब हासिए पर जा चुके शिवपाल अब भगवा कैंप में जा सकते हैं। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, इसमें कुछ समय जरूर लग रहा है, लेकिन देर-सवेर ऐसा होना तय है। पार्टी नेताओं का कहना है कि शिवपाल यादव ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से दूरी बनाने का पक्का फैसला कर लिया है। शिवपाल यादव अब अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू करके यादव बेल्ट में अखिलेश यादव के लिए संकट खड़ा करेंगे। ठीक उसी तरफ से जैसे मुलायम सिंह यादव ने चौधरी चरण सिंह से नाता तोड़ने के बाद अजित सिंह के सामने  राजनीतिक संकट खड़ा करते हुए अपनी पहचान बनाई थी। भाजपा को उम्मीद है कि उसी तरह शिवपाल यादव भी सपा के वोटबैंक को अपने साथ जोड़ने में जुटेंगे।

कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि शिवपाल यादव ने करीब 5 साल में अपनी नई पार्टी को अपेक्षित मजबूती नहीं दे सके, इसको देखते हुए बीजेपी को बहुत फायदे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उनका कहना है कि अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव की विरासत पर अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं। हालांकि, कुछ अन्य जानकार कहते हैं कि भाजपा के पास एक मजबूत संगठन है और ऐसे में यदि शिवपाल जैसा जमीनी नेता का साथ भगवा पार्टी को मिलता है तो यादव बेल्ट में भी उन जगहों पर कमल खिल सकता है, जिन सीटों पर लड़ाई काफी करीबी रही है।