मायावती के किए वादों पर यकीन है: मौलाना रशादी

लखनऊ, यूपी

राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने कहा है कि उन्होंने बीएसपी का समर्थन बिना किसी शर्त पर किया है। उन्होंने कहा कि उनकी बीएसपी सूप्रीमों मायावती से मुलाकात में सिर्फ मुद्दों पर आधारित बात हुई है, कोई डील या लिखित समझौता नहीं हुआ है। मुज़फ्फरनगर, ज़ियाउल हक से लेकर तमाम ऐसे मुद्दे हैं जिस पर मायावती ने जांच की बात कही है। मौलाना रशादी लखनऊ में मीडिया से बात कर रहे थे। इस पीसी में पसमांदा मुस्लिम कल्याण समिति ने उलेमा कौंसिल के कदम का समर्थन करते हुए चुनाव में बीएसपी के हक में वोट करने की बात कही।

मौलाना रशादी ने कहा कि बीएसपी से हमने कोई डिमांड नहीं रखी है। उन्होंने कहा कि बीएसपी सुप्रीमों से मुलाकात को दौरान मायावती ने कहा कि उन्हें एक बार मौका दें, वह मुसलमानों के साथ हुई नाइंसाफी का हिसाब करेंगी। मौलाना रशादी ने कहा कि मौजूदा वक्त में मुसलमानों के पास बीएसपी के अलावा कोई दूसरा दल नहीं हैं। सपा और कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में मुसलमानों को जो दंगे का दर्द दिया है उसे भुलाया नहीं जा सकता।

मौलाना रशादी ने कहा कि पार्टी ने 84 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे लेकिन एक आवाज़ पर न सभी सीटों से उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस कर लिए। उन्होंने कहा कि हम अपने कार्यकर्ताओं को हमेशा कुर्बानी देने की बात सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि मुल्क में मुस्लिम पसमांदा के लोग सबसे ज़्यादा पीछे है। इनकी आबादी मुसलमानों की आबादी में करीब 85 फीसदी है। इनके लिए हम बराबर लड़ाई लड़ रहे हैं।

इस मौके पर पसमांदा मुस्लिम कलियाम समिति के अध्यक्ष अकबर अहमद ने कहा कि मौलाना रशादी के इस कदम के बाद वह उनके साथ हैं और उनका संगठन पूरी तरह से समर्थन करता है। इस मौके पर संगठन के करीब दो दर्जन पदाधिकारी बी मौजूद थे।

सपा के लिए बुरी खबर: उलेमा कौंसिल का बीएसपी को समर्थन