लखनऊ, यूपी
उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी का सम्मान समारोह, विवाद का सबब बन गया है। मामला इसलिए सुर्खियों में हैं क्योंकि एकेडमी की तरफ से दिए गए 186 अवार्ड में 3 महत्वपूर्ण अवॉर्ड अकादमी के ही सदस्यों ने ले लिए, जिनमें खुद चेयरमैन आसिफा जमानी भी शामिल हैं। मामले ने तूल पकड़ा तो यूपी उर्दू अकादमी के पुरस्कार वितरण पर रोक लगा दी गई है। वहीं प्रमुख सचिव ने अकादमी के सचिव को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब-तलब कर लिया है।
दरअसल यूपी उर्दू अकादमी में इस साल दिए गए सम्मान समारोह किसी के गले नहीं उतर रहे क्योंकि सम्मान देने वाले ही सम्मान लेने वालों की भीड़ में शामिल हो गए। असल में उर्दू एकेडमी ने इस बार उर्दू के लिए बेहतरीन काम करने वाले, उसकी खिदमत करने वाले कुल 186 लोगों को अलग-अलग कैटेगरी में सम्मानित किया। लेकिन मामले में यहां एक दिलचस्प मोड़ उस समय आया, जब 186 लोगों की सूची में अकादमी की चेयरमैन और उसके दो और सदस्यों के नाम भी शामिल थे।
चेयरमैन को एक लाख और दो सदस्यों को डेढ़ लाख का पुरस्कार
एकेडमी की चेयरमैन आसिफा जमानी ने 1 लाख वाले डॉ सुगरा मेंहदी अवॉर्ड को खुद ले लिया। इसके अलावा अकादमी के दो सदस्यों को डेढ़ लाख वाले सम्मान से सम्मानित किया गया, जिनमें प्रोफेसर अब्बास रजा नैयर को अमीर खुसरो और प्रो। आफताब अहमद आफाकी और प्रो। मोहम्मद हसन को अवॉर्ड दिया गया।
जो ज्यूरी का सदस्य है, उसे ही अवार्ड दे दिया जाए, ये सही नहीं है: मोहसिन रजा
उधर अकादमी की चेयरमैन इसमें कुछ गलत नहीं मानती। वह कहती हैं कि इससे पहले भी पुरस्कार दिया जा चुका है। वहीं अल्पसंखयक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा इस तरह अवॉर्ड दिये जाने को सही नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि अगर किसी को भी अवॉर्ड लेना है तो उसे नियमत: आना चाहिए। जो ज्यूरी का सदस्य है, उसे ही अवॉर्ड दे दिया जाए ये सही नहीं है।