रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पैगबंर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर हिंसक झड़प हुई। उग्र प्रदर्शनकरियों ने पथराव, आगजनी और हवा में फायरिंग की। हिंसा में दो लोग घायल हो गए जबकि कई घायल हैं। इसी बीच हिंसा का यूपी कनेक्शन सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि एक हफ्ते पहले सहारनपुर से लगभग एक दर्जन लोग रांची आए थे। इन्होंने विवादित टिप्पणी को लेकर मुस्लिम युवकों से चर्चा की थी।
इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया है कि पुलिस रांची में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में बाहरी तत्वों की संलिप्तता की जांच कर रही है। सूत्रों ने बताया है कि एक हफ्ते पहले सहारनपुर से 12 लोग रांची आए थे और पैगंबर मोहम्मद पर नुपूर शर्मा के बयान को लेकर मुस्लिम युवाओं से चर्चा की थी। इन लोगों ने कथित तौर पर युवाओं को हिंसक प्रदर्शन के लिए उकसाया और विरोध प्रदर्शन का रोडमैप बनाने का काम सौंपा था।
रांची में हुई हिंसा में जितने प्रदर्शनकारी थे उसमें ज्यादातर युवा थे। इन्हें सहारनपुर से आए लोगों ने धर्म के नाम पर भड़काया था। पुलिस टीम बाहर से आए इन लोगों की जांच में जुटी है। फिलहाल प्रशासन ने शहर में धारा 144 लागू की हुई है। भारी पुलिस फोर्स भी तैनात है जिसकी नजर शहर के चप्पे-चप्पे पर है। हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। पुलिस ने लोगों से बिना इमरजेंसी घर से बाहर नहीं निकलने का अनुरोध किया है।
छह थानों से हटाई गई धारा 144
रांची के हिंदपीढ़ी, डेलीमार्केट, कोतवाली, लोअर बाजार, चुटिया और डोरंडा थाना में अब धारा 144 लागू रहेगी। वहीं छह थानों से इसे हटा दिया गया है।
रैपिड एक्शन फोर्स, जिला पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
रांची में लगातार दूसरे दिन भी रैपिड एक्शन फोर्स, जिला पुलिस बल के अलावा आला अधिकारियों की टीम मेन रोड में रविवार को फ्लैग मार्च करती रही। शुक्रवार को जुमे की नजाम के बाद उपद्रवियों ने जिस तरह से रांची में अशांति फैलाने की कोशिश की उसी के मद्देनजर प्रशासन हर जगह नजर रख रही है। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। हालांकि शुक्रवार देर शाम से बंद की गई इंटरनेट सेवा को शनिवार देर रात में बहाल कर दिया गया है। बहुत जरूरी काम होने पर ही मेन रोड में लोगों को जाने दिया जा रहा है।