लखनऊ, यूपी
नाबालिग से रेप के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव की सियासत के बादशाह कहे जाते हैं। उन्नाव ब्राह्मण बहुल जिला है। सेंगर यहां सबसे कद्दावर राजपूत चेहरा हैं। सेंगर की गिनती बाहुबली नेताओं में होती है। मूल रूप से यूपी के फतेहपुर जिले के रहने वाले विधायक सेंगर की माखी गांव में तूती बोलती है। साथ ही सेंगर के बारे में कहा जाता है कि वो प्रदेश की सियासत की हवा का रुख भांप लेते हैं।
उन्नाव गैंगरेप मामले में पीड़ित और उसका वकील एक्सीडेंट के बाद से ही जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। फिलहाल अच्छी खबर यह है कि पीड़ित की हालत में लगातार सुधार हो रहा है और उसे वेंटिलटर से हटाने का ट्रायल किया जा रहा है। इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए इस मामले से जुड़े सभी केस दिल्ली ट्रांसफर कर दिये। साथ ही इस मामले के ट्रायल को 45 दिनों में पूरा करने के साथ ही एक्सीडेंट की जांच को 7 दिन में पूरा करने का आदेश सुनाया। वहीं इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुरुवार देर शाम पीड़ित परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा और 25 लाख के मुआवजे का चेक भी दिया गया। यह तो था इस केस से जुड़ा अब तक का अपडेट, अब आपको बतातें हैं उन्नाव गैंगरेप मामले के मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर के उस साम्राज्य की, जहां उसके डर का बोलबाला था।
माखी में बनाया दहशत सा साम्राज्य
उन्नाव गैंगरेप मामसे में मुख्य आरोपी और सीतापुर में बंद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मूल रूप से फतेहपुर जिले का रहने वाला है। उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र के सराय थोक पर उनका ननिहाल है और वह शुरू से वहीं आकर बस गया। कुलदीप सिंह सेंगर की उन्नाव के माखी गांव में तूती बोलती है। वह अबतक उन्नाव की अलग-अलग विधानसभा सीटों से चार बार से लगातार विधायक बन चुका है। चार बाल लगातार विधायक बनने की बात से ही उसकी अपने क्षेत्र में राजनीतिक हनक का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।
2002 में पहली बार विधायक बना कुलदीप सिंग सेंगर
BJP से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर ने वैसे तो अपने राजनीति जीवन की शुरुआत यूथ कांग्रेस से की थी, लेकिन 2002 में पहली बार वह BSP के टिकट पर भगवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक बना। इसके बाद सेंगर 2007 और 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुना गया। इसके बाद 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर ने BJP का दामन थामा और उसी के टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा सीट से विधानसभा पहुंचा।
सियासत की हवा का रुख नाप लेता है सेंगर
कुलदीप सिंह सेंगर के बारे लोग कहते हैं कि वह यूपी की सियासत की हवा का रुख पहले ही भांप जाता था और उसी के मुताबिक अपनी पार्टी बदलता था। तभी तो 1996 के चुनावों में 10 हजार वोटों से हारी हुई उन्नाव सदर सीट से मायावती ने कुलदीप को एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में कुलदीप ने कांग्रेस के प्रत्याशी शिवपाल को करीब 4000 वोटों से शिकस्त दी। इसके बाद से ही कुलदीप की छवि अपने इलाके में बाहुबली की बननी शुरू हो गई। फिर 2007 और 2012 में वह सपा के टिकट पर चुनाव जीता। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में सेंगर ने बीजेपी के पक्ष में चल रही हवा का रुख आंक लिया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर एक बार फिर विधायक बन गया।
राजा भैया का करीबी हैं कुलदीप सिंह सेंगर
राजनीतिक गलियारों में हमेशा यह चर्चा रही कि कुलदीप सिंह सेंगर निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का बेहद करीबी है। राजनीति में इसे लोग दलबदलू नेता के नाम से भी जानते हैं। कुलदीप की पत्नी संगीता सेंगर से लेकर उसके भाईयों तक, सभी किसी न किसी पद पर जमे रहे हैं। कुलदीप ने अपनी पत्नी संगीता सेंगर को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया, तो भाई मनोज सेंगर को ब्लॉक प्रमुख। इसके साथ ही खुद लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने में जुटा था। कुलदीप के तीसरे भाई अतुल सिंह सेंगर राजनीतिक साम्राज्य का कामकाज संभालता है।
पूरा परिवार अवैध कामों नें लगा
कुलदीप सिंग सेंगर पर अवैध खनन और अवैध तरीके से टोल लगाकर वसूली करने का भी आरोप लगा है। उन्नाव में एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेगर के खिलाफ अवैध खनन की खबर दिखा दी। जिससे नाराज होकर सेंगर ने रिपोर्टर के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज कराये। इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि उन्नाव का कोई भी ठेका बिना कुलदीप सेंगर की मर्जी के किसी को नहीं मिलता। इसके साथ ही साइकिल के ठेके से लेकर अवैध होटल चलाने और ऑटो स्टैंड से लेकर गाड़ियों से अवैध वसूली तक के कारोबार में विधायक कुलदीप सिंग सेंगर का परिवार शामिल है। सारे ठेके कुलदीप सेंगर का भाई अतुल सेंगर उर्फ जगदीप चलाता है। जबकि होटल का कारोबार उनका भाई मनोज सेंगर देखता है।
सेंगर के भाई ने डीएसपी (DSP) को मारी थी गोली
कुलदीप सिंह सेंगर का हमेशा विवादों से गहरा नाता रहा है। इसी क्रम में आज से करीब चौदह साल पहले उन्नाव में किसी बात को लेकर विधायक पक्ष से एक पत्रकार की कहा-सुनी हो गई थी। इसकी जानकारी जब पुलिस को मिली तो इन लोगों को रोकने के लिए यूपी पुलिस मौके पर पहुंची। तभी अचानक विधायक के भाई अतुल सेंगर ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में यूपी पुलिस के डिप्टी एसपी को पेट में गोली लग गई थी। जिसके बाद भी यूपी की राजनीति में कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर काफी बवाल चला था।