जौनपुर, यूपी
ऐतिहासिक शहर जौनपुर में चुनाव का पारा गरम है। यहां सातवें चरण में चुनाव होना है। राजधानी लखनऊ से 200 किमी दूरी पर मौजूद और ऐतिहासिक नगरी वाराणसी से करीब 60 किमी पर बसे जौनपुर पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। पूर्वांचल के मध्य में बसे जौनपुर का हमेशा ऐतिहासिक महत्व रहा है। यहां कई ऐतिहासिक इमारतें लोगों का आकर्षण केंद्र आज भी बनी हुई है।
राजनीति के रूप से देखे तो जौनपुर से भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू चुनाव जीते थे। यहां से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी भी चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें जीत हासिल हुई। जौनपुर की बात करें तो यहां का चुनावी परिणाम हमेशा लोगों को चौकाता रहा है। साथ ही ये ज़िला कभी किसी दल को निराश नहीं किया।
कुल 9 विधानसभा सीट
जौनपुर की बात करें तो यहां कुल 9 विधानसभा सीट है। हर सीट का चुनावी समीकरण बिल्कुल अलग है।
बदलापुर विधानसभा
जफराबाद विधानसभा
जौनपुर सदर विधानसभा
केराकत विधानसभा
मछली शहर विधानसभा
मल्हनी विधानसभा
मड़ियाहूं विधानसभा
मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा
शाहगंज विधानसभा
जौनपुर सदर विधानसभा सीट
विधानसभा चुनाव 2012 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। कांग्रेस के नदीम जावेद ने बीएसपी के तेज बहादुर मौर्य पप्पू को 1,239 वोटों से हराया था। नदीम जावेद को 50,863 वोट मिले थे। सपा के जावेद अंसारी तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में जौनपुर सदर सीट से बीजेपी के गिरीश चंद्र यादव ने कांग्रेस के नदीम जावेद को 12,284 वोटों से हराया था। बीएसपी प्रत्याशी दिनेश टंडन 41,877 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
मल्हनी विधानसभा सीट
ये ज़िले की सबसे हॉट सीट है जिस पर सभी की निगाहें हैं। विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट पर सपा का कब्जा था। सपा के पारस नाथ यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. जागृति सिंह को 31,502 वोटों से हराया था। पारस नाथ यादव ने रिकॉर्ड 81,602 वोट पाकर जीत दर्ज की थी जबकि डॉ. जागृति सिंह को 50,100 वोट मिले थे। बीएसपी के पन्नी सिंह 45,841 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में यह सीट सपा के खाते में गई थी। इस सीट से सपा प्रत्याशी व अखिलेश यादव की सरकार में तत्कालीन कैंबिनेट मंत्री पारस नाथ यादव ने निषाद पार्टी व पूर्व सांसद धनजंय सिंह को 21,210 वोटों से हराया था। बीएसपी के विवेक यादव 46,011 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे। मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक पारसनाथ यादव का पिछले साल निधन हो गया था। साल 2020 में हुए उपचुनाव में सपा के लकी यादव ने इस खाली सीट से जीत दर्ज की थी। लकी यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार धनंजय सिंह को हराया था।
शाहगंज विधानसभा सीट
ये ज़िले की हाईप्रफाइल सीट है। पहले ये सीट आरक्षित थी पर 2012 में परिसीमन के बाद ये सीट सामान्य हुई थी। विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट से सपा के शैलेन्द्र यादव ललई की जीत हुई थी। उन्होंने 74,486 वोट पाकर बीएसपी के धर्मराज निषाद को 10,223 वोटों से हराया था। बीजेपी के ओम प्रकाश जायसवाल 36,085 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में यह सीट सपा के खाते में गई थी। सपा उम्मीदवार व तत्कालीन राज्यमंत्री शैलेन्द्र यादव ललई ने अपने निकटतम प्रत्याशी बीजेपी की सहयोगी सुभासपा के राणा अजीत प्रताप सिंह को 9,162 वोटों से हराया था। बीएसपी के ओम प्रकाश 51,176 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
बदलापुर विधानसभा सीट
इस सीट पर सभी की निगाहें लगी हैं। विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट पर सपा ने कब्ज़ा किया था। सपा के ओम प्रकाश दुबे बाबा को 65,278 वोट मिले थे। ओम प्रकाश दूबे ने बीएसपी के लालजी यादव को 16,193 वोटों से हराया था। कांग्रेस के विवेक कुमार सिंह तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी। बीजेपी प्रत्याशी रमेश चंद्र मिश्रा ने बीएसपी के लालजी यादव को 2,372 वोटों से हराया था। रमेश चंद्र मिश्रा को 60 हजार 237 वोट मिले थे। उस समय के वर्तमान सपा विधायक ओम प्रकाश दुबे बाबा तीसरे नंबर पर थे।
जफराबाद विधानसभा सीट
विधानसभा चुनाव 2012 में यह सीट सपा के खाते में गई थी। सपा के सचिन नाथ त्रिपाठी ने बीएसपी के जगदीश नारायण राय को 5,417 वोटों से हराया था। सचिन नाथ त्रिपाठी को 59,419 वोट मिले थे। बीजेपी के डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी के डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह को 85,989 वोट मिले थे। उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी सपा के सचिन नाथ त्रिपाठी को 24,865 वोटों से हराया था। बीएसपी के संजीव कुमार उपाध्याय 45,490 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
केराकत विधानसभा सीट
ज़िले की ये सुरक्षित सीट है। विधानसभा चुनाव 2012 में यह सीट सपा के खाते में गई थी। सपा के गुलाब चंद्र ने बीएसपी की विजय लक्ष्मी को 10,186 वोटों से हराया था। गुलाब चंद्र को 67,470 वोट मिले थे। बीजेपी के अशोक कुमार 43,200 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में इस सीट पर भाजपा का कब्जा था। भाजपा के दिनेश चौधरी ने सपा के संजय कुमार सरोज को 15,259 वोटों से हराया था। दिनेश चौधरी को 84,078 वोट मिले थे। सपा के संजय कुमार सरोज को 68,819 वोट मिले थे। बीएसपी की उर्मिला सरोज 66,307 पाकर तीसरे नंबर पर थीं।
मछलीशहर विधानसभा सीट
ये जिले की सुरक्षित सीट है। विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट से सपा के जगदीश सोनकर ने 82,484 वोट पाकर सफलता हासिल की थी। बीएसपी के रामफेर गौतम दूसरे नंबर पर थे। रामफेर गौतम को 58,059 वोट मिले थे। बीजेपी के डॉ. विनोद कुमार निगम 26,910 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में यह सीट सपा के खाते में गई थी। सपा के जगदीश सोनकर ने अपने निकटम उम्मीदवार बीजेपी की अनिता रावत को 4,179 वोटों से हराया था। जगदीश सोनकर लगातार दूसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए थे। उन्हें 72,368 वोट मिले थे। बीएसपी की सुशीला सरोज 52,796 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थी।
मड़ियाहूं विधानसभा सीट
विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट पर सपा का कब्जा था। सपा की श्रध्दा यादव ने बीएसपी की सावित्री पटेल को 12,477 वोटों से हराया था। अपना दल एस के प्रेम सिंह 35,778 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में यह सीट बीजेपी की सहयोगी अपना दल एस के खाते में गई थी। मड़ियाहूं से अपना दल एस की लीना तिवारी 58,804 वोट पाकर सपा की श्रध्दा यादव को 11,350 वोटों से हराया था। बीएसपी के भोलेनाथ शुक्ला 37,066 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा सीट
विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट से बीजेपी की जीत हुई थी। बीजेपी की सीमा ने बीएसपी के रमेश को 6,061 वोटों से हराया था। सीमा को 50,065 वोट मिले थे। सपा के विनोद कुमार 42,045 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
विधानसभा चुनाव 2017 में यह सीट बीएसपी के खाते में गई थी। बीएसपी की सुषमा पटेल ने 69,557 वोट पाकर जीत हासिल की थी। बीजेपी की सीमा दिवेद्वी को 63,637 वोट मिला था। सुषमा पटेल महज 5,920 वोटों से जीती थीं। कांग्रेस के अजय शंकर दुबे 59 हजार 288 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।