अटाली के मुसलमान बराबर के शहरी है या नहीं: अमीक़ जामेई

तंज़ीम ए इंसाफ का पीएम मोदी और बीजेपी से सवाल

नयी दिल्ली

तंज़ीम ए इंसाफ की अगुवाई में हरियाणा के अटाली में दंगे और उससे सटे संपेड़ गाँव में हुई दलितों की निर्मम हत्या और देश के दूसरे हिस्सों में बढ़ रहे ग़रीबों पर बीजेपी के सुनियोजित हमले को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस की गई। इस प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि अभी तक हरियाणा के अटाली में सीएम या कोई भी मंत्री नहीं गया जहां करीब 150 परिवार पलायन करके दूसरी जगह रहने को मज़बूर हैं।

इस प्रेस कांफ्रेंस में ऑल इण्डिया तंज़ीम ए इंसाफ़ के अमीक़ जामेई, कांग्रेस के राज्य सभा सांसद और फोरम ऑफ मुस्लिम एमपीस के कन्वीनर हुसैन दलवई, सीनियर सोशल वर्कर स्वामी अग्विवेश ने भाग लिया। पत्रकारों से बात करते हुए हुसैन दलवई ने कहा कि हम देख रहे हैं कि जब से मोदी की सरकार आई है, तभी से अल्पसंख्यको, दलितों और पिछडों पर लगातार हमले हो रहे हैं और ये तेज़ से बढ़े हैं। जहां भी यह हमले हो रहे है चाहे जिसकी भी सरकार हो हमलावरों का संबंध सीधे-सीधे हिंदुत्वादी गिरोहों के साथ है, जिनको संघ का खुला समर्थन हैं। पिछले 6 महीने में साहित्यकार कलबुर्गी की हत्या, अटाली बल्लबगढ़ में मस्जिद के नाम पर 150 परिवारों का दर-बदर हो गए लेकिन हरियाणा सरकार खामोश है!

प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए ऑल इण्डिया तंज़ीम ए इंसाफ़ के अमीक़ जामेई ने कहा कि मुसलमान अपने ही देश में पलायन की स्थिति में जीने को मज़बूर किये जा रहे हैं। दादरी में बीफ रखने का इलज़ाम लगाकर भीड़तन्त्र ने एख़लाक़ की हत्या कर दी। इसके बावजूद केंद्र सरकार का खामोश रही। हरियाणा में ही अटाली से 6 किलोमीटर दूर संपेड गाँव दलित परिवार पर हमला कर दो बच्चो को ज़िंदा जला दिया गया और फिर भी केंद्र सरकार खामोश रही। दूषित होती देश की हवा पर केंद्र सरकार प्रहार करने के बजाये हमला करने वालों के साथ खड़ी हैं।

अमीक़ जामेई ने कहा कि देश में पिछले दो दशक में सामाजिक न्याय के अग्रणी नेताओं ने सबसे बड़ी वंचित पिछड़ी आबादी को मंडल के ज़रिये हक़ दिया गया जिसे संघ के प्रमुख मोहन भागवत ख़त्म कर देना चाहते है। उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि आखिर यह हमला पिछडों, दलितों और मुस्लिम समुदाय पर क्यों हो रहा है? क्यों हमारी पुलिस की मौजूदगी में बल्लबगढ़ में एक दलित के दो मासूम बच्चों को मार दिया जाता है। एक तरफ तो मंदिरो में दलितों को पुजारी बनाने का कार्यक्रम के लिए संघ तो राज़ी है लेकिन उन्हें इंसान नहीं समझना चाहता ऐसा क्यों?

सीनियर सोशल वर्कर स्वामी अग्निवेश ने मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि कमज़ोरों और ग़रीबो पर हो रहे हमले की घटनाओं से बहुत कुछ टूट रहा है तो वह है हमारे देश का भाईचारा, सौहार्द और हमारी क़ौमी एकता। हमें मिलकर देश को बचाने के लिए आगे आना होगा और अटाली बल्लबगढ़ हो या अखलाक़ की हत्या… इन घटनाओं के साथ हत्यारों को सबक सिखाना चाहिए। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि 2014 लोक सभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ने सीना तान के कहा था की हम मुसलमानों के एक हाथ में क़ुरान एक हाथ में कंप्यूटर देंगे? फिर उनके हाथो में कटोरा क्यों थमा दिया। यह देश जानना चाहता है इस झूठी मग़रूर हुकूमत से।

स्वामी अग्निवेश ने कहा कि बहुलतावादी इस मुल्क में कोई एक निज़ाम नहीं चल सकता। हम दुनिया में बदनाम हो रहे हैं। साहित्यकारों पर हो रहे हमले और उनके लिखने की आज़ादी छीनने के खिलाफ पूरी दुनिया के लेखक साहित्यकार हमारे देश के साहित्यकारों के साथ खड़े हो गए लेकिन आजतक मुल्क के बुद्धिजीवियो से मिलने का पीएम मोदी समय नहीं निकाल पाये। इस बदनाम होते देश में बिगड़ते माहौल से क्या कोई इन्वेस्टर आएगा? उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी से अपील करते हैं कि देश तोड़ने वाली ताक़तों पर प्रहार करिये ताकि उनका मनोबल टूटे और देश के पीएम को चाहिए कि वह हरियाणा की सरकार को कंट्रोल कर राजधर्म का पालन करना सिखाये और अटाली और संपेड गाँव का दौरा कर देश को टूटने से बचाये।

प्रेस कांफ्रेंस में सामाजिक कार्यकर्ता ज़ुलेख़ा जबीं ने कहा संघ हिंदुत्वादी एजेंडा को नाफ़िज़ कर दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को दोयम दर्जे का शहरी बनाने पर तुला है और ग़रीब मुसलमानो के लिए सभी मिल्ली सियासी तंज़ीमे नदारद है। जहां संपेड गांव में दलितों के क़त्ल पर देश हिल गया है। मुल्क में मुसलमानो की कोई हैसियत नहीं बची है न उनमें सम्मान की।