17वीं लोकसभा के लिए देश की बागडोर संभालने जा रहे नरेंद्र मोदी गुरुवार की शाम अपने मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। ‘मोदी 2.0’ सरकार में नए कैबिनेट गठन को लेकर पिछले छह दिन से चल रही सियासी हलचल के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस बार पीएम मोदी की टीम में कौन-कौन शामिल होगा, इसको लेकर नतीजे के बाद से ही सस्पेंस बरकरार है।
मोदी कैबिनेट में इस बार कई नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है, वहीं कुछ पुराने चेहरों को आराम दिया जा सकता है। भाजपा की इस बड़ी जीत के बाद मोदी कैबिनेट के कई मंत्रियों के मंत्रालय बदले जा सकते हैं, वहीं जीत में अहम भूमिका निभाने वाले नेताओं को अहम जगह मिल सकती है। प्रधानमंत्री के पद के बाद गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालयों पर सबकी नजर है कि यहां किसे जगह मिलेगी!
सूत्रों के अनुसार, शाम साढ़े चार बजे पीएम मोदी उन नेताओं से मिलने वाले हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसके लिए नेताओं को कॉल भी किया जा रहा है। इस बैठक में मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ हो जाएगी।
मोदी कैबिनेट में गुजरात के गृह मंत्री रह चुके अमित शाह भाजपा की इस शानदार जीत में एक बार फिर ‘चाणक्य’ के तौर पर उभरे हैं। विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश में शानदार जीत के बाद लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी शानदार रणनीति और मेहनत का प्रदर्शन किया है। ऐसे में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाकर इनाम दिया जा सकता है। उन्हें गृह मंत्रालय सौंपे जाने की चर्चा जोरों पर है। ऐसा हुआ तो फिर राजनाथ सिंह का मंत्रालय बदल जाएगा।
अमित शाह को अगर केंद्रीय मंत्री बनाया जाता है तो एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत पर काम कर रही भाजपा में पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी खाली हो जाएगी। ऐसे में भाजपा का अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर भी सियासी चर्चा जोरों पर है।
सियासी गलियारे में जो दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, वह है केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान का। भाजपा की शानदार जीत के बाद भाजपा मुख्यालय में जीत के जश्न के दौरान पीएम मोदी और शाह के साथ राजनाथ सिंह तो थे ही, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा भी मंच साझा करते दिखे थे। उनका नाम पिछली बार भी अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में था।
अटल सरकार में भी कद्दावर नेत्री रहीं और फिर मोदी सरकार में भी अहम नेत्री रहीं सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री के तौर पर शानदार परफॉर्मेंस करने वालों में रही हैं। उनकी उम्र भी हो चली है और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता।
विदेश मंत्री के तौर पर विदेश की यात्राओं के दौरान उनका स्वास्थ्य उनके काम के आड़े आता रहता है। ऐसे में सुषमा के विदेश मंत्रालय छोड़ने पर कोई ताज्जुब नहीं होगा। उनकी जगह पर विदेश मंत्री कौन होगा, इसको लेकर भी संशय बरकरार है।