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7 Feb 2025, Fri

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने वाले पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। साथ ही अदालत की तरफ से प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने कहा है कि एक नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है, उसे बचाए रखना जरूरी है।

कोर्ट ने कहा है कि आपत्तिजनक पोस्ट पर विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन गिरफ्तारी क्यों ? सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कनौजिया की पत्नी को मामले को हाईकोर्ट ले जाने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान IPC की धारा 505 के तहत इस मामले में एफआईआर दर्ज करने पर भी सवाल खड़े किए। अदालत ने यूपी सरकार से पूछा है कि किन धाराओं के तहत ये गिरफ्तारी की गई है। ऐसा शेयर करना सही नहीं था लेकिन फिर गिरफ्तारी क्यों हुई है।

प्रशांत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। सोमवार को प्रशांत की पत्नी जिगीषा अरोड़ा कनौजिया ने गिरफ्तारी के विरोध में याचिका दायर की थी।

पत्रकार और एक्टिविस्ट प्रशांत कनौजिया को लगातार आपत्तिजनक ट्वीट और रीट्वीट करने के आरोप में शनिवार सुबह दिल्ली में उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंडावली स्थित उनके घर से हिरासत में लिया था। इसके खिलाफ प्रशांत की पत्नी जिगीषा ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉरपस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी।

SUPREME COURT ORDER YOGI GOVT RELEASE JOURNALIST PRASHANT IMMEDIATELY 1 110619

याचिका में कहा गया है कि प्रशांत की गिरफ्तारी गैरकानूनी है। याचिका के मुताबिक यूपी पुलिस ने इस संबंध में ना तो किसी एफआईआर के बारे में जानकारी दी है ना ही गिरफ्तारी के लिए कोई गाइडलाइन का पालन किया गया है। इसके अलावा ना ही उन्हें दिल्ली में ट्रांजिट रिमांड के लिए किसी मजिस्ट्रेट के पास पेश किया गया।

इससे पहले कनौजिया को सोमवार को मायावती का भी साथ मिला। मायावती ने कहा कि एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया इस मामले में सरकार की आलोचना कर रहा है लेकिन इससे बीजेपी सरकार को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।

मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, “यूपी सीएम के खिलाफ अवमानना के संबंध में लखनऊ पुलिस की ओर से खुद ही संज्ञान लेकर पत्रकार प्रशांत कनौजिया सहित तीन की दिल्ली में गिरफ्तारी पर एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और अन्य मीडिया ने काफी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है लेकिन क्या इससे बीजेपी और इनकी सरकार पर कोई फर्क पड़ने वाला है?”

सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ टिप्पणी को लेकर गिरफ्तारियों का दौर जारी है। इसकी शुरुआत पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी से हुई। प्रशांत की गिरफ्तारी का कई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन विरोध कर रहे हैं। इस कड़ी में बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा।

 

By #AARECH