नई दिल्ली
जम्मू कश्मीर के कठुआ रेप की सुनवाई अब पंजाब के पठानकोट में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए केस को पठानकोट ट्रांसफर कर दिया। हालांकि जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य से बाहर केस ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया। जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह राज्य में निष्पक्ष सुनवाई के लिए तैयार है और वह मामले को दूसरे राज्य में भेजे जाने का विरोध करती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर की पीडीपी-बीजेपी सरकार को तगड़ा झटका लगा है।
कठुआ मामले को ट्रांसफर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पठानकोट में रोजाना इस मामले की सुनवाई होगी। ये सुनवाई कैमरे के सामने की जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू सरकार को पठानकोट कोर्ट में अपना सरकारी वकील नियुक्त करने की इजाज़त दे दी है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह पीड़िता के परिवार, उनके वकील और प्रत्यक्षदर्शियों को सुरक्षा मुहैया करवाएं। मामले में राज्य की जांच पर भरोसा जताते हुए कोर्ट ने इसकी सीबीआई जांच करवाने से इंकार कर दिया है।
मालूम हो कि कठुआ में 8 साल की मासूम के बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। केस को दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने के लिए पीड़िता के पिता ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पीड़िता के पिता का पक्ष रख रहीं वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि राज्य का माहौल ऐसा नहीं है जिसमें ठीक तरह से सुनवाई हो सके। राज्य का वातावरण बहुत ज़्यादा धुव्रीकरण वाला है। इस अपील पर कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।