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26 Jan 2025, Sun

यूपी के उच्च सदन में और बढ़ेगा सपा का संकट, हो सकती है कांग्रेस वाली हालत

विधान परिषद चुनाव में 36 में से 33 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उच्च सदन में पहली बार बहुमत हासिल कर लिया है। वहीं, शून्य पर सिमट गई समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए संकट यहीं खत्म नहीं होने वाला है। मुख्य विपक्षी दल की दिक्कत अगले 2-3 महीनों में और भी बढ़ने वाली है। मौजूदा समीकरणों के मुताबिक सपा से आने वाले दिनों में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा छिन सकता है। ऐसे में सपा को कुछ वैसी ही स्थिति का सामना करना पडे़गा जैसा 2014 के बाद कांग्रेस पार्टी को लोकसभा में करना पड़ा।

जुलाई तक सपा के 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। तब सपा के 5 सदस्य होंगे। जुलाई में होने वाले विधान परिषद चुनाव में एक सदस्य के लिए 11 विधायकों की जरूरत होगी। विधानसभा में मौजूदा स्थिति के मुताबिक, सपा चार सीटों को जीतने की स्थिति में होगी। ऐसे में सपा के सदस्यों की कुल संख्या घटकर 10 से नीचे आ सकती है। यदि ऐसा होता है तो सपा को नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना होगा। नियम के मुताबिक, इस पद के लिए विपक्षी दल के पास न्यूनतम 10 फीसदी यानी 10 सीटों की आवश्यकता है।