नई दिल्ली
देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने रविवार को कहा कि कुछ तथाकथित “खोज करने वाले’’ इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे। दरअसल इतिहास को बदला नहीं जा सकता। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ये बातें देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर लिखी एक किताब की लॉन्चिंग के मौके पर कही। इस किताब का संपादन वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए गोपन्ना ने किया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस किताब को लॉन्च किया।
हामिद अंसारी ने कहा कि कुछ समय पहले ‘‘टाइम मशीन’’ नामक एक किताब लिखी गई थी और विचार यह था कि एक तकनीक होगी, जिसके तहत कोई व्यक्ति अतीत में जा कर देख सकता था कि उस समय क्या हुआ होगा। उन्होंने कहा कि, ‘‘यह एक बड़ी सफलता थी, लेकिन आज मैं खोज करने वालों के समूह को देखता हूं जो लेखक नहीं हैं। खोज करने वाले टाइम मशीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके द्वारा आप इतिहास में वापस जा सकते हैं और इतिहास को फिर से लिख सकते हैं। उन लोगों का ऐसा प्रयास सफल नहीं होने वाला है।’’
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा, ‘‘इतिहास इतिहास है. इसे पढ़ना होगा। आप इससे सीख ले सकते हैं, आप इससे प्रोत्साहित हो सकते हैं या आप इसे सिर्फ परीक्षा की तैयारियों के लिए कॉलेज छात्र के रूप में पढ़ सकते हैं। इतिहास को बदला नहीं जा सकता है।’
हामिद अंसारी की बात को इस परिपेक्ष में देखा जा सकता है कि केंद्र सरकार पर इतिहास को फिर से लिखने का आरोप लग रहा है। नेहरू पर आधारित किताब की चर्चा करते हुए हामिद अंसारी ने कहा कि यह हमारी विरासत, स्वतंत्रता संग्राम और इसे दिशा दिखाने वाले महान नेता, आधुनिक भारत के विभिन्न चरणों से गुजरता है।
इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू पर टिप्पणियां और खोज कभी खत्म नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि 54 साल पहले हमने इसी दिन उन्हें खो दिया था। पण्डित नेहरू ने लोकतांत्रिक ढांचे को मज़बूत बनाने के लिए सभी आवश्यक संस्थानों का निर्माण किया।