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8 Oct 2024, Tue

जौनपुर, यूपी

पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ लाख दावें करें कि उनकी सरकार में अधिकारी सुशासन के लिए बिना दबाव के काम कर रहे हैं लेकिन प्रदेश में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। हाल-फिलहाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आएं हैं जिसमें सत्ता से जुड़े मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के लोग अधिकारियों पर दबाव बनाकर न सिर्फ उनके काम में हस्तक्षेप कर रहे हैं बल्कि उन पर ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए भी दबाव बना रहे हैं। राजधानी लखनऊ में मंत्री स्वाती सिंह का एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ बातचीत का वायरल ऑडियों उसी की बानगी है।

ताज़ा मामला जौनपुर ज़िले का है। यहां पर डीएम ने एक एसडीएम का तबादला किया लेकिन 24 घंटे के अंदर ताबदला रुक गया। अब यहां चर्चाओं का बाज़ार गरम है कि इसे रुकवाने के लिए सत्तापक्ष को लोग खड़े हो गए। पूरा मामला ये है कि ज़िले के शाहगंज में तैनात एसडीएम राजेश कुमार का तबादला जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने 13 नवंबर, 2019 को मछलीशहर कर दिया था। मछलीशहर में तैनात मंगलेश दूबे को शाहगंज का नया एसडीएम बनाया गया था। ये तबादला आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होना था।

तबादला रुका
तबादला होने के 24 घंटे बाद ही ज़िलाधिकारी की तरफ से एक नया आदेश जारी हुआ। 14 नवंबर, 2019 को जारी इस आदेश में मछलीशहर के एसडीएम मंगलेश दूबे का तबादला उप ज़िलाधिकारी प्रथम के पद पर कर दिया गया जबकि यहां पर तैनात अमिताभ यादव को मछलीशहर का नया एसडीएम बनाया गया। इसके साथ ही शाहगंज के एसडीएम का तबादला आदेश रुक गया और उन्होंने शाहगंज में कार्य भी करना शुरु कर दिया।

राजनीतिक दबाव में हुआ वापस
सूत्रों के मूताबिक राजनीतिक दबाव के चलते शाहगंज एसडीएम का तबादला रोका गया। इस मामले में सूत्र से पीएनएस को मिली जानकारी के मुताबिक एस स्थानीय मंत्री, एक सत्तापक्ष के विधायक का नाम सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि वकीलों की हड़ताल के दौरान भी एसडीएम का बचाव इन लोगों ने किया था।

विवादों में रहे हैं एसडीएम शाहगंज
पिछले हफ्ते शाहगंज तहसील में एसडीएम के दुर्व्यवहार को लेकर वकीलों ने काफी लंबी हड़ताल की थी। 15 दिन चली इस हड़ताल के तहसील के सभी वकील शामिल थे। इस मामले में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल वापस ली गई थी। तब माना जा रहा था कि एसडीएम का जल्द ही तबादला हो सकता है।