Breaking
10 Oct 2024, Thu

लखनऊ, यूपी

राजधानी का सबसे पाश इलाका हजरतगंज… यहां मौजूद मुंशी नवल किशोर का ऐतिहासिक घर… घर पर शहर की नामचीन अदबी, सियासी, सामाजिक शख्सियतों का जमावड़ा। मौका भी खास था और दस्तूर भी… दरअसल इतिहास, तहज़ीब और गंगा-जमुनी विरासत को समेते इस घर में मुंशी नवल किशोर की विरासत को संभालने वाले पद्मश्री रणजीत भार्गव की आत्मकथा “सरे राह चलते चलते” का विमोचन का मौका था। कार्यक्रम की रूपरेखा भी वैसी ही थी… पहले मंच पर सरस्वती वंदनी हुई फिर कुरान की तिलावत। कार्यक्रम को देख कर लगा कि गांधी के सपनों का हिंदुस्तान यहां उतर आया है।

SARE RAH CHALTE CHALTE BOOK LAUNCH IN LUCKNOW 2 241021

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने कहा कि रणजीत भार्गव जी से मेरे परिवारिक ताल्लुकात है। वो हमेशा समाज व देश हित के लिए चिंतित रहते हैं। उनका पर्यावरण पर किया गया काम सराहनीय है। लॉकडाउन के दौरान समय का सदुपयोग करते हुए उन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी है वो सराहनीय है। दरअसल ये एक साहित्य है जो हमें बहुत कुछ सिखाता है।

पूर्व कार्यवाहक सीएम अम्मार रिज़वी ने कहा कि मुंशी नवल किशोर का नाम न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में बड़े ऐहतेराम से लिया जाता है। उन्होंने हिंदी, उर्दू, अरबी, फारसी समेत दर्जनों भाषाओं के किताबें प्रिंट की। उनके वारिस और हम सब के प्रिय पद्मश्री रणजीत भार्गव ने हमेशा बिना किसी फायदे के समाज के हर हिस्से को फायदा पहुंचाया है। अम्मार रिज़वी ने कहा कि अभी हमने किताब पढ़ी नही है, इसे पढ़ने के बाद इस किताब पर एक भव्य सेमिनार रखा जाएगा तब सिर्फ किताब और रणजीत भार्गव के जीवनी पर चर्चा होगी।

SARE RAH CHALTE CHALTE BOOK LAUNCH IN LUCKNOW 4 241021

कार्यक्रम में देरी से पहुंचे यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद ने रणजीत भार्गव को बधाई देते हुए कहा कि हम लोगों के लिए ये खुशी का मौका है। दरअसल रणजीत जी का परिवार मेरा परिवार है। यहां मैं मेहमान की तरह नहीं बल्कि अपने घर की तरह आया है।

मुंशी नवल किशोर की गंगा जमुनी तहज़ीब और विरासत की बात करते हुए पूर्व आईएएस और शायर अनीस अंसारी ने कहा कि मौजूदा दौर मुश्किल भरा दौर है। ऐसे में हमें तय करना है कि हमें मुंशी नवल किशोर के तहज़ीबी और गंगा जमुनी विरासत की तरफ रहना है या फिर उन्माद की तरफ जाना है। रणजीत भार्गव के मित्र ब्रिगेडियर पवन जाम ने उनसे अपनी मुलाकात और उनके पर्यावरण पर किए गए कामों को याद किया।

SARE RAH CHALTE CHALTE BOOK LAUNCH IN LUCKNOW 3 241021

इस मौके पर एस अहमद पब्लिकेशन प्रा लिमिटेड के शमशाद अहमद ने बताया कि पद्मश्री रणजीत भार्गव जी मुंशी नवल किशोर खानदान के पांचवी पीढी के राजा राम कुमार भार्गव के बेटे हैं। रणजीत भार्गव की लिखी आत्मकथा सरे राह चलते चलते में कुल 12 अध्याय हैं। ये अभी अंग्रेजी भाषा में छापी गई है। इसे बाद में अन्य भाषाओं में छापा जाएगा। पीएनएस से बातचीत में एस अहमद ने बताया कि हमारे पब्लिकेशन ने तय किया है कि साहित्य, तहज़ीब और गंगा जमुनी विरासत को संभालने वालों से जुड़ी हर कृति व लेख को मंज़रे आम पर लाने की हम कोशिश करेंगे ताकि मौजूदा दौर के युवा असली हिंदुस्तान को समझ सकें।

इस मौके पर शहर के दर्जनों गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इनमें नवाब मीर जाफर अब्दुल्लाह, नवाब मसूद जाफर अब्दुल्लाह, आरएलडी के प्रदेश उपाध्यक्ष वसीम हैदर, देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त जस्टिस वजाहत अब्दुल्लाह, श्रीमती रीता सिंह, डॉ एनसी शाह, ऋति भार्गव, आनंद सिंह, परिक्षित, ज्योति जाम समेत कई खास मेहमानों ने इस कार्यक्रम शोभा बढ़ाई।