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4 Dec 2024, Wed

सरायमीर बवाल: LIU और थानाध्यक्ष ने कराई योगी सरकार की फजीहत

SARAIMEER PROTEST UPDATE AND SO FAIL TO CONTROL 1 290418

लखनऊ, यूपी

ज़िले के सरायमीर कस्बे में कल हुए बवाल के बाद अब चारों तरफ शांति है। पुलिस ने बवाल के आरोप में पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस के मुताबिक ये गिरफ्तारी एक मकान में छापा छापा मार कर की गई हैं। कई लोगों को तलाश किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस फोर्स ने कस्बे में फ्लैग मार्च किया। थाने से लेकर कस्बे के अंदर चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। ज़िले के आलाधिकारी कस्बे में लगातार कैम्प कर रहे हैं। पुलिस ने घटना के ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की बात कही है।

धार्मिक टिप्पणी को लेकर शनिवार को सरायमीर थाने पर भारी भीड़ इकठ्ठा हो गई। ये लोग टिप्पणी करने वाले पर रासूका के तहत कार्रवाई की मांग कर रहे थे। बवाल होने की सूचना पर लगभग डेढ़ बजे पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी के साथ कई थाने की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचे। बवाल के दौरान दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति को चोट लगने पर कुछ लोग उपद्रवियों के विरोध में सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए आगे आ गए थे। पुलिस अधीक्षक ने समझा-बुझा कर शांत कराया। इस दौरान पूरी पुलिस फ़ोर्स के साथ कस्बे के मवेशी खाना से डगरा मोढ़ तक लगभग एक किमी तक फ्लैग मार्च किया।

थानाध्यक्ष ने कराई सरकार की फजीहत
प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सत्ता में आई योगी सरकार लगातार इस मामले में कठोर कार्रवाई की बात करती है। प्रदेश में योगी के सीएम बनने के बात कासगंज, बहराइच समेत कुछ ज़िलों को छोड़ दें तो पिछली सरकार के मुकाबले इस सरकार में बवाल कम हुए हैं। पैगम्बर पर अभद्र टिप्पणी के बाद जब स्थानीय लोगों ने एफआईआर के लिए शुक्रवार को दिन में 10 बजे पत्र दिया तो थानाध्यक्ष ने ने तीन बजे तक एफआईआर नहीं लिखी। थानाध्यक्ष ने आरोपी यूवक के पक्ष में आए लोगों के साथ बैठक करके समझौते का दबाव बनाया। सूत्रों के मुताबिक थाने में ही अपनी अदालत लगाकर थानाध्यक्ष ने आरोपी यूवक से माफी मांगने को कहा। पैगम्बर पर टिप्पणी के पहले हुए मामले को देखते हुए उच्चाधिकारियों को मामले की गंभीरता से अवगत नहीं कराया।

एलआईयू हुआ फेल
सरायमीर कस्बे में जो बवाल हुआ उसका अंदाजा पहले से था। स्थानीय थाने की हीलाहवाली से लोग गुस्से में थे। वहीं पैगम्बर-ए-इस्लाम पर अभद्र टिप्पणी को लेकर लोगों में पहले से ही गुस्सा था। आसपास में लगातार मैसेज भेजे जा रहे थे। पहले भी इस तरह के वाकये पेश आ चुके हैं जिसमें हिंसक झड़पें हो चुकी हैं। एलआईयू ने उससे सबक नहीं लिया। शनिवार को लगातार भीड़ इकठ्ठा होती गई पर लगता है कि इसकी भनक एलआईयू को नहीं थी। इस मामले का विरोध करने के लिए कस्बे में कई मीटिंग हुई और उसका बाकायदा सोशल मीडिया पर एलान हुआ पर एलआईयू ने इस गंभीरता से नहीं लिया।

कल क्या हुआ था
शनिवार की सुबह साढ़े 10 बजे ढाई सौ लोग थाने पहुंच गए। आरोपी के खिलाफ रासुका लगाने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। लगभग सवा 11 बजे एसडीएम निजामाबाद, सीओ फूलपुर थाने पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे भीड़ में से छह लोगों को वार्ता के लिए थाने के अंदर बुलाया। इधर अंदर अधिकारियों से वार्ता चल रही थी और बाहर प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे। लगभग सवा 12 बजे अधिकारियों से वार्ताकर बाहर निकले लोगों ने बताया कि रासुका लगने का आश्वासन मिला है। इतना सुनते ही भीड़ से आवाज आई कि एसडीएम और सीओ फूलपुर बाहर आकर खुद बताएं और पुलिस अधीक्षक मौके पर आएं। इस पर एसडीएम बात करने के लिए गेट पर जब तक पहुंचते, तब तक भीड़ में से किसी ने चप्पल फेंक दिया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

एमआईएम ज़िलाध्यक्ष पर आरोप
सरायमीर थाने पर शनिवार को हुए बवाल में पुलिस एमआईएम के ज़िलाध्यक्ष पर बवाल की ठीकरा फोड़ा है। खुद ज़िले के एसएसपी ने इस बात को कहा है कि वह इस मामले में शामिल है। मालूम हो कि ज़िलाध्यक्ष कलीम जामई के खिलाफ दो दिन पहले थानाध्यक्ष राम नरेश यादव ने मुकदमा दर्ज किया था। फिलहाल कलीम जामई भूमिगत हो गए हैं।