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28 Apr 2025, Mon

जौनपुर: सिर्फ यादव परिवारों के घर गए सपा प्रदेशाध्यक्ष, भदेठी कांड की जानकारी ही नहीं

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डॉ अशफाक अहमद

जौनपुर, यूपी
अपने विधायक के निधन के बाद जौनपुर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का दौरा विवादों में आ गया है। सपा प्रदेश अध्यक्ष एक दिनी दौरे पर ज़िले में आए थे। इसके बाद वो सिर्फ ज़िले के कद्दावर यादव परिवारों के घर गए और फिर लखनऊ वापस चले गए। उनके इस दौरे पर कईयों ने सवाल उठाया कि क्या जौनपुर में सपा सिर्फ यादवों की वजह से है। दरअसल विधानसभा चुनाव में सपा की तरफ से उम्मीदवार बनाये जावेद सिद्दीकी बहुचर्चित भदेठी बवाल के मामले में जेल भेजे गए हैं। उनके समर्थकों का आरोप है कि वो बेकसूर हैं और बीजेपी ने उन्हें इस मामले में फंसाया है। पर नरेश उत्तम ने उनके लिए एक शब्द भी नहीं बोला।

सपा प्रदेश अध्यक्ष का दौरा
मलहनी से विधायक, पूर्व मंत्री व पार्टी के कद्दावर नेता पारसनाथ यादव का कल शुक्रवार को निधन हो गया था। वो काफी समय से बीमार थे। उनके निधन के बाद आज शनिवार को सपा प्रधेश अध्यक्ष नरेश उत्तम उनके घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। यहां उन्होंने परिवार से सदस्यों से मुलाकात की और ढाढस बंधाया। वे काफी देर तक यहां रुके।

सिर्फ यादव परिवारों के घर गए प्रदेश अध्यक्ष
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पारसनाथ यादव के घर से निकल कर सीधे पूर्व मंत्री और शाहगंज के विधायक शैलेंद्र यादव ललई के जौनपुर शहर के आवास पर पहुंचे। यहां वो काफी देर रुके और यहीं पर उन्होंने पत्रकारों से बात की। इसके बाद वो सिकरारा चले गए। वहां पर ज़िला पंचायत अध्यक्ष राज बहादुर यादव के घर रूके। यहां से निकल पर नरेश उत्तम पूर्व विधायक ज्वाला प्रसाद यादव के घर पहुंचे। यहां कुछ देर रुकने के बाद वो लखनऊ के लिए प्रस्थान कर गए।

जावेद समर्थकों की उम्मीद टूटी
जौनपुर सदर सीट से सपा उम्मीदवार रहे जावेद सिद्दीकी के समर्थकों को उम्मीद थी कि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम भदेठी जाकर परिवार वालों से मिल सकते हैं। यहीं नहीं समर्थकों को ये भी उम्मीद थी कि वो जेल जाकर जावेद सिद्दीकी से मुलाकात कर सकते हैं। पर समर्थकों को तब निराशा हाथ लगी जब उनका काफिला बगैर मिले जौनपुर से निकल गया।

नरेश उत्तम के बयान से भारी नाराज़गी
प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के भदेठी कांड पर गैरज़िम्मेदारी भरे बयान से मुसलमानों में भारी नाराज़गी देखी जा रही है। दरअसल नरेश उत्तम ने कहा कि उन्हें भदेठी कांड के बारे में जानकारी नहीं है। उन्हें शुक्रवार को जिले से रिपोर्ट मिली थी लेकिन विधायक पारसनाथ यादव के निधन की वजह से वो रिपोर्ट पढ़ नहीं पाए। अब सवाल ये उठता है कि जिस भदेठी कांड को लेकर प्रदेश की सियासत गरम हो। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ ट्वीट करें और कार्रवाई का आदेश दे। सत्ताधारी पार्टी के बड़े नेता बयान दे और देश के बड़े चैनल और अखबार उस पर खबर चलाए। उस कांड की जानकारी सपा प्रदेश अध्यक्ष को न हो, ये बात गले नहीं उतरती।

तो सपा ने छोड़ दिया जावेद का साथ!
ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी ने जावेद सिद्दीकी के आरोपी मान लिया है या फिर वो जावेद सिद्दीकी वाले मामले से पीछा छुड़ाना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक ज़िले में पार्टी यूनिट ने एक नेता के दबाव में जावेद सिद्दीकी के खिलाफ आलाकमान को रिपोर्ट दी है। शायद यही वजह है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इस मामले से अपना पल्लू झाड़ लिया। दूसरी तरफ ज़िलाध्यक्ष ने एक बयान देकर किनारा कर लिया। ज़िलाध्यक्ष ने तो भदेठी गांव जाना तक मुनासिब नहीं समझा, जबकि उन्हें लखनऊ से पार्टी के नेताओं ने गांव का दौरा करने को कहा था। ये अलग बात है कि दावत खाने के लिए सपा के कई नेता दूसरे ज़िले तक चले जाते हैं।

भदेठी नहीं पहुंचा सपा का कोई नेता
भदेठी में पुलिसिया जुल्म की कहानी हर ज़बान पर है। पुलिस एक तरफा से कार्रवाई करते हुए सिर्फ मुसलमानों को गिरफ्तार कर रही है। शाम होते ही पुलिस की गाड़ियों के सायरन हर तरफ सुनाई देते हैं। गांव में रह रही महिलाएं, बच्चे व बूढ़े अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। दूसरी तरफ गांव के लोगों का आरोप है कि बगल के कई गांव के लोग खुलेआम लूटपाट की धमकियां दे रहे हैं। ऐसे कई वीडियों भी वायरल हुए हैं। ऐसे में सपा का साथ छोड़ना मुसलमानों को काफी खल रहा है।

इस काली रात की सुबह कब होगी?
इस सब के बीच इस मामले अब तक 37 लोग गिरफ्तार हुए हैं। अब तक क्रास एफआईआर पुलिस ने दर्ज नहीं की है। अब लोगों को उम्मीद है कि न्यायालय से उन्हें इंसाफ मिलेगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर राजनीतिक दलों के इस धोखे ने लोग कैसे उबर पाएंगे।