लखनऊ, यूपी
भारतीय शास्त्रीय संगीत में लखनऊ का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने वाले अपने लाल को आज सोमवार को सम्मानित किया। शास्त्रीय संगीत की विधा और उस्ताद-शिष्य की बेहतरीन परंपरा निभाने वाले गुलशन भारती को “सलाम लखनऊ आएना-ए-शखाफत” संस्था ने “गौहर-ए-हिंद” अवार्ड से राजधानी में सम्मानित किया गया। साथ ही उन्हें फखर-ए-मौशिकी का सम्मान दिया गया। इसके साथ ही उनके एक प्रिय शिष्य सोहेल अहमद ख़ान को “अक्से उस्ताद गुलशन भारती” अवार्ड से सम्मानित किया।
राजधानी के प्रेस क्लब में आयोजित एक खास कार्यक्रम में बतौर मेहमान खुसुसी हाफिज़ उस्मान मौजूद रहे। हाफिज़ उस्मान ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कलाकार किसी सम्मान का मोहताज़ नहीं होता बल्कि कला का सम्मान करके हम खुद सम्मानित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के माहौल में जब चारो तरफ झूठ का बोलबाला है ऐसे में अगर आप सच्चाई के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो ये काबिले तारीफ है।
हाफिज़ उसमान ने गुलशन भारती को मुबारकबाद देते हुए कहा कि अभी मंज़िलें और हैं और आपके बहुत आगे जाना है। इसलिए आप ईमानदारी से लगे रहें। आपके शिष्य आपके नक्शेकदम पर आगे बढ़ें यहीं सब चाहते हैं। उन्होंने कहा कि झूठ-फरेब के इस माहौल में सच के साथ टिके रहना ही बड़ी बात है।
कार्यक्रम को लखनऊ के मशहूर इतिहासकार योगेश प्रवीन ने भी संबोधित किया। उन्होंने लखनऊ के कई रोचक किस्से बयान किए। तलत महमूद से जानकारियां लोगों से साझा की। नवाब के दौर में किस तरह संगीत धर्म और जाति से दूर होकर एक दूसरे के करीब थे। इसका भी बयान उन्होंने किया। इस मौके पर सैयद सूफी इज़हार अली सुफी संगीत और भारतीय संगीत के बारे में बताया।
अवार्ड पाने के बाद शास्त्रीय गायक गुलशन भारती ने कहा कि अपनों के बीच अवार्ड मिलने का एहसास बिल्कुल अलग होता है। इस मौके पर लखनऊ में शास्त्रीय संगीत के लिए अकादमी बनाने की मांग सरकार से की गई। कार्यक्रम का संचालन आमिर मुख्तार ने बखूबी निभाया। इस मौके पर पत्रकार हुमायू, शादाब, एडवोकेट नौशाद ख़ान, मेंहदी आगा समेत काफी संख्या में लौग मौजूद थे।