गाजीपुर, यूपी
कौमी एकता दल ने एमएलसी चुनाव में किंगमेकर की भूमिका में उबर कर सामने आई है। कौमी एकता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद अफज़ाल अंसारी की कुशल रणनीति की वजह से गाज़ीपुर में सपा को हार का मुंह देखना पड़ा। यहां निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विशाल सिंह उर्फ चंचल ने जीत हासिल की।
दरअसल जीत हासिल करने वाले विशाल सिंह कौमी एकता दल से ही चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी के अध्यक्ष ने रणनिती के तहत उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में उतारा। अफज़ाल अंसारी की रणनीति ये थी कि निर्दलीय के तौर पर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों का समर्थन हासिल होगा। चुनाव में ऐसा ही हुआ। मुकाबला भले ही कांटे का रहा हो लेकिन जीत विशाल सिंह उर्फ चंचल की हुई।
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के ज़िले में तीन कद्दावर मंत्री हैं। यहां सपा ने डॉ सानंद सिंह को मौदान में उतारा। पार्टी ने इसकी ज़िम्मेदारी पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह के कंधों पर डाली। ओम प्रकाश सिंह ने एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया लेकिन समा उम्मीदवार को हार का मुंह देखना पड़ा।
पूरे प्रदेश में जीत का परचम लहराने वाली सपा का रथ पूर्वांचल में रुक गया। ये पार्टी के लिए खतरे की घंटे है। पार्टी को वाराणसी, जौनपुर में भी हार का मुंह देखना पड़ा। वहीं गोरखपुर में सपा के बागी उम्मीदवार सीपी चंद ने जीत हासिल की।
इस जीत के बाद कौमी एकता दल के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। पार्टी के नेताओं का मानना है कि 2017 के चुनाव में वह पूर्वांचल में शानदार प्रदर्शन करेगी। मालूम ह कि मौजूदा समय में पार्टी के दो विधायक हैं।
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