अशफाक अहमद
लखनऊ, यूपी
कांग्रेस की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी का आज़मगढ़ दौरा चर्चाओं में हैं। वैसे तो प्रियंका गांधी यहां बिलरियागंज में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर रात तीन बजे पुलिस बर्बरता और गिरफ्तारी के विरोध में मिलने आई थी लेकिन अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र होने के नाते उनका दौरा चर्चाओं में आ गया। एक तरफ प्रियंका गांधी ने यूपी की सीएम योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया तो दूसरी तरफ कांग्रेसी नेताओं ने अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। इसके बाद सपा और कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एक दूसरे के खिलाफ बयान देने लगे और इसी बहाने यूपी की राजनीति में ज़मीन तलाश रही कांग्रेस को चर्चाओं में ला दिया।
5 फरवरी से महिलाओं ने शुरू किया था धरना
ज़िले को बिलरियागंज कस्बे में सीएए और एनआरसी के विरोध में 5 फरवरी को महिलाओं ने शाहीन बाग की तर्ज पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। बाद में पुलिस ने बल प्रयोग कर महिलाओं का वहां से हटाया था। यहां महिलाओं को हटाने के दौरान आंसू गैस के गोले दागे गए थे, जवाब में पथराव भी हुए थे। लाठीचार्ज में कई महिलाएं घायल हुई थीं। पुलिस ने 19 लोगों को देशद्रोह समेत विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
कब हुआ प्रियंका का दौरा
12 फरवरी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बिलरियागंज में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में घायल हुईं महिलाओं से मिलने पहुंची थी। उन्होंने कहा- आप सभी के साथ गलत किया गया है। हमें इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होना होगा। यह सरकार पूरी तरह से गरीब लोगों के खिलाफ है। जिन लोगों पर अत्याचार हुआ है और जो लोग जेल में बंद हैं उनको न्याय दिलाने की कोशिश हर संभव की जाएगी। प्रियंका ने कहा ‘देश को इनकी खतरनाक नीतियों से बचाना होगा। आन्दोलन करने वालों पर देशद्रोह जैसी धाराएं लगाना गलत है। मैं मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकायत करूंगी।’ इस दौरे में प्रियंका ने अखिलेश का कोई ज़िक्र नहीं किया।
महिलाओं के साथ गुज़ारा वक्त
प्रियंका गांधी ने करीब 1 घंटे तक पीड़ित महिलाओं से बातचीत की। इस दौरान उनसे मिलने के लिए सैकड़ों महिलाएं आगे बढ़ रही थी। कांग्रेस के लिए यूपी में 30 बाद ये पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मिलने को बेकरार थी। इस दौरान एक बच्ची के सर पर हाथ रख कर उन्होंने कहा कि वो जब भी उन्हें बुलाना चाहें वो आने को तैयार हैं।
कांग्रेस ने पोस्टर वार के सहारे बनाया माहौल
आज़मगढ़ सपा की राजनीति का गढ़ रहा है। पूरे प्रदेश में बीजेपी लहर के बावजूद यहां सपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यहीं से सांसद हैं। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग ने एक पोस्टर जारी किया। इस पोस्टर में अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्हें लापता बताया गया। इसके बाद सपा ज़िलाध्यक्ष हवलदार यादव और विधायक नफीस अहमद ने 9 फरवरी को प्रेस कांफ्रेंस करके कांग्रेस पर पलटवार किया। यहां कांग्रेस के फेके पांसे में सपा फंस गई। इसी बीच प्रियंका गांधी का दौरा लग गया।
विधायक नफीस ने क्या कहा
सपा के गोपालपुर विधायक नफीस अहमद और ज़िलाध्यक्ष हवलदार यादव ने 9 फरवरी को एक प्रेस काफ्रेंस की। इसमें बोलते हुए नफीस अहमद ने कांग्रेस और भाजपा को एक सिक्के के दो पहलू बताते हुए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव कई बार जनपद आ चुके हैं। उनकी गैर मौजूदगी में उनके सिपाही हर मोड़ पर खड़े हैं और हर पीड़ित की आवाज को उठाने का कार्य कर रहे हैं। कुछ लोगों द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को निशाना बनाया जा रहा है। जो कांग्रेस आज मुसलमानों के हमदर्द होने का दावा कर रही है वह उस दिन कहां थी जब बिलरियागंज में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा था और पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठी भांजी। सपा के लोग तो घटना स्थल पर पहुंचे और अपना प्रतिनिधि भी भेजा। हमारे द्वारा इस घटना की निंदा की गई।
सोशल मीडिया में सपा-कांग्रेस आमने सामने
पोस्टर वार के बाद सपा विधायक के पलटवार ने ज़िले की राजनीति को गर्म कर दिया। उसके बाद प्रियंका का दौरा हुआ। प्रियंका के दौरे को शायद इतनी चर्चा न मिलती अगर सपा पलटवार न करती। प्रियंका के दौरे में भारी भीड़ जुटी। दौरे के बाद सपा और कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के एक दूसरे के खिलाफ बयान की झड़ी लग गई। वहीं सोशल मीडिया पर भी वार शुरू हो गई। दोनों तरफ से एक दूसरे का काला इतिहास बताने की होड़ मच गई। इसमें बटला हाउस को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा गया तो मुज़फ्फरनगर को लेकर सपा को निशाने पर लिया गया।
उलेमा कौंसिल ने संतुलित रुख अपनाया
प्रियंका गांधी के दौरे पर ज़िले में सक्रिय राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने संतुलित रुख अपनाया। एक तरफ जहां कौंसिल ने अपने नेता मौलाना ताहिर मदनी और पार्टी के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर सपा पर साजिश रचने का आरोप लगाया वहीं प्रियंका गाधी के दौरे को लेकर पार्टी ने कहा कि पुलिस बर्बरता की शिकार महिलाओं के आंसू पोछने और मौलाना ताहिर मदनी की गिरफ्तारी पर अफसोस जताने पर वो प्रियंका गांधी के शुक्रगुज़ार हैं। साथ ही कौंसिल ने कहा कि ये मुद्दा सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए न हो इसे आगे भी ले जाया जाए। उलेमा कौंसिल ने प्रियंका गांधी को बटला हाउस भी याद दिलाया।
तो फायदे में रही कांग्रेस
इस बहस और वार के बीच यूपी के राजनीतिक ज़मीन खोज रही कांग्रेस को पूर्वांचल में सुर्खियों में आ गई। आज़मगढ़ में प्रियंका गांधी का महिलाओं से हुए संवाद की चर्चा हर तरफ रही। दूसरी तरफ कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली सपा को अपना वोट बैंक खिसकता देख नेताओं ने कांग्रेस को फायदे में ला दिया। इससे पहले सीएए प्रोटेस्ट में लकनऊ में गोली से मारे गाए वकील अहमद के घर प्रियंका गांधी पहुंची थी। बाद में काफी सोशल मीडिया में ट्रोल होने के बाद अखिलेश यादव परिवार से मिले थे। यूपी में विपक्ष की राजनीति नए मोड़ पर है। वोटर कंप्यूज़ है और उनमें से ज़्यादातर लोग विपक्ष से निराश और नाराज़ हैं। ऐसे में विपक्षी वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में लगी कांग्रेस को प्रियंका ने थोड़ी बढ़त तो ज़रूर दिला दी है।