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8 Oct 2024, Tue

हैदराबाद, तेलंगाना

तीन तलाक पर मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के बाद देशभर में विरोध शुरु हो गया है। केंद्र के फैसले के बाद एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक अध्यादेश को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि यह एक तरह का फ्रॉड है। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के पहले पन्ने पर सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट कहती है कि तीन तलाक असंवैधानिक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है।

सांसद ओवैसी ने एक ट्वीट भी किया है। उसमें उन्होंने तीन तलाक अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है। ओवैसी ने ट्वीट में कहा, ‘क्या मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबक लेते हुए तीन तलाक पर अपने असंवैधानिक अध्यादेश को वापस लेगी?’ उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक नहीं कहा, जबकि शीर्ष कोर्ट ने 377 और 497 को असंवैधानिक करार दिया। क्या मोदी सरकार इन फैसलों से सीखेगी और तीन तलाक पर अपने असंवैधानिक अध्यादेश को वापस लेगी।’ उन्होंने तीन तलाक अध्यादेश को कोर्ट में चुनौती देने की बात भी कही और उसे एक तरह का फ्रॉड बताया।

इससे पहले 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए धारा 377 को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। इसके बाद आज यानि गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने 158 साल पुराने व्यभिचार कानून में भी ऐसिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस धारा को असंवैधानिक करार घोषित कर दिया है। ओवैसी ने इन्हीं दो फैसलों को आधार बनाकर सरकार पर निशाना साधा।
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने एक बार में तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने के अध्यादेश को मंजूरी दी थी। जिस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मुहर लगा दी है। अब सरकार को 6 महीने में इस बिल को पास कराना होगा।