राजस्थान के बाड़मेर जिले से अपनी ही सरकार के खिलाफ कांग्रेसी विधायकों की मुखालफत बढती ही जा रही है। जिल के पचपदरा विधानसभा सीट से कांग्रेसी विधायक मदन प्रजापत के बाद अब शिव विधानसभा सीट से कांग्रेसी विधायक अमीन खान ने भी अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सरकार पर मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए विधायक ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस रवैये के गंभीर परिणाम हो सकते है। विधायक ने कहा कि वो गलतफहमी में न रहें, पुराने जमाने में अनजान लोग गांवों में ज्यादा थे, लेकिन अब लोग जानकार हो गए हैं। इन गरीबों को विशेष फायदे की आशा रखते हैं।
अमीन खान बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से विधायक हैं। अब तक आठ विधानसभा चुनाव लड़े चुके अमीन खान पांचवी बार राजस्थान विधानसभा में शिव का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मंत्रिमंडल में मुस्लिम समुदाय की अनदेखी के साथ ही बजट में उनके क्षेत्र की अनदेखी से भी अमीन खान गुस्साए हुए हैं। साल 2011 में अमीन खान तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद चर्चाओं में आए थे, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था।
मंत्रिमंडल में अनदेखी का आरोप
सदन में बोलते हुए विधायक ने कहा कि मौजुदा मंत्रिमंडल में एसी/एसटी वर्ग से चार केबिनेट मंत्री हैं और सभी को अच्छे मंत्रालय दिए हुए है, लेकिन मुस्लिमों की अनदेखी की गयी, उनके पास जनता के काम करने का एक भी मंत्रालय नहीं है। खान ने कहा कि वसुंधरा सररकार में युनूस खान मंत्री थे और उनके पास दो महत्वपूर्ण विभग थे। विधायक ने यहां तक कहा कि युनूस खान तबलीकी जमात का थे और पक्का मुसलमान थे। कांग्रेसी विधायक ने कहा कि मैं अपने इलाके से पांचवी बार विधायक हूं। इस तरह हमें नजर अंदाज नहीं किया जाए।
साले मोहम्मद को बताया कबों का मंत्री
सदन में जमकर नाराजगी जाहिर करते हुए अमीन खान ने कहा कि साले मोहम्मद के पास है कब्रों का मंत्रालय है। जिसका मुसलमान वर्ग से लेना-देना नहीं है। खान ने खरे-खरे शब्दों में कहा कि अब जमाना बदल गया है और लोग सब समझते है, इसलिए हमें इग्नोर नहीं करें। विधायक ने चेताते हुए कहा कि गलतफहमी में न रहे। पुराने जमाने में अनजान लोग गांवों में ज्यादा थे, लेकिन अब लोग जानकार हो गए हैं। इन गरीबों को विशेष फायदे की आशा रखते हैं।
99 फीसदी कांग्रेस के पक्ष में जाते हैं
अमीन खान ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि हम 95 फीसदी पोलिंग करते हैं। इसमें से 99 फीसदी वोट कांग्रेस के पक्ष में जाते हैं। विधायक ने कहा कि दूसरा कोई वर्ग नहीं जो कांग्रेस के पक्ष में इतना मतदान करे, जितना हम करते हैं। उन्होनें आगे कहा कि हमें इंसाफ नहीं मिलता है। इसका हम दुख जाहिर करते हैं।
सबसे ज्यादा वोट मिले मेरी विधानसभा में, काम कुछ नहीं
खान ने कहा कि बीते लोकसभा चुनावों में बाड़मेर जिले की 7 विधानसभा सीटो में 6 सीटों पर कांग्रेस 50 हजार के करीब वोटों से पीछे रही, लेकिन उनकी विधानसभा में कांग्रेस को बढ़ती मिली, बावजूद इसके उनकी विधानसभा की बजट में अनदेखी की गयी।
विधायक ने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सड़क बनाने की घोषणा की गयी है, लेकिन उनके क्षेत्र में एक इंच भी सड़क नहीं बनी। खान ने कहा कि उन्होंने अपने इलाके में दो आवासीय विधालयों की मांग रखी थी और वो भी अनसुनी कर दी गयी। विधायक ने कहा कि इतने बड़े बजट में कुछ सड़कों और दो आवासीय विधालयों से सरकार पर कोई भार नहीं पड़ता।
उर्दू को महत्व नहीं दिया जा रहा
विधायक ने आगे कहा कि आज भी थानों में रोजनामचा, तहरीर और ऐसे कई शब्द काम में लिए जाते हैं, यह सभी उर्दू भाषा के है। खान ने कहा कि राजस्थान के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए उर्दू को महत्व नहीं दिया जा रहा। उन्होनें कहा कि उर्दू की वैकंसी ज्यादा रखकर उर्दू पढ़ने वाले बच्चों को सहूलियत दी जाए।
एक कांग्रेसी विधायक पहले से विरोध में
अमीन खान की तरह बाड़मेर जिले की पचपदरा विधानसभा सीट से कांग्रेसी विधायक मदन प्रजापत ने पहले से अपनी पार्टी के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है। बालोतरा का जिला बनाने की उनकी मांग पूरी नहीं होने के बाद प्रजापत ने अनूठे अंदाज में विरोध दर्ज कराते हुए नंगे पांव रहने का प्रण लिया हैं। विधानसभा में बजट भाषण पुरा होने के बाद प्रजापत विधानसभा के गेट पर जुते उतारकर नंगे पावं रवाना हो गए थे।