सहारनपुर, यूपी
यूपी में हो रहे उपचुनाव को लेकर एक तरफ राजनीतिक दल ज़ोर आज़माइश में लगे हैं वहीं दूसरे तरफ अफवाहों और झूठी खबरें भी हवा में खूब तैर रही हैं। ताज़ा मामला दुनियाभर में मशहूर दारुल उलूम देवबंद को लेकर है। उपचुनाव को लेकर एक खबर कुछ टीवी चैनलों और न्यूज़ पोर्टल्स द्वारा चलाई जा रही है। इसमें कहा गया है कि दारुल उलूम देवबंद ने बीजेपी के खिलाफ वोट देने की फतवा दिया है।
इस गलत और तथ्यहीन खबर चलाये जाने को लेकर दारूल उलूम देवबन्द ने नाराज़गी जताई है। दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा है कि दारूल उलूम किसी भी तरह की सियासी बयानबाज़ी से हमेशा परहेज़ ही नही करता है बल्कि बहुत दूर रहता है। उन्होंने कहा कि दारूल उलूम का राजनीति को लेकर कभी कोई बयान नहीं दिया है। इसके साथ ही यूपी में हो रहे उपचुनाव को लेकर दारूल उलूम देवबन्द ने कोई किसी तरह का फतवा या बयान जारी नही किया है।
मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने आगे कहा कि इलेक्ट्रानिक मीडिया और कुछ वेब पोर्टल इस संबंध मे दारूल उलूम के नाम गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते है और हम इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी गौर कर रहें है। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत कुछ संगठन ऐसा कर रहे हैं। वो अपनी साजिश में कभी कामयाब नहीं होंगे। दारुल उलूम ने हमेशा लोगों को राह दिखाई है।
दारुल उलूम के इस बयान के बाद ये साफ हो गया न तो कोई अपील कोई अपील और न ही कोई फतवा जारी किया गया है। अब सवाल ये है कि जो न्यूज़ चैनल ये दावा कर रहे हैं कि दारूल उलूम देवबन्द ने गठबंधन को वोट देने के लिए कहा है, दरअसल वो एक पार्टी के दलाली का हिस्सा बन गए हैं। इसलिए कुछ पत्रकार, न्यूज़ चैनल और पोर्टल ऐसी झूठी खबर दिखाकर लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं। अब जबकि असलियत सामने आ गई है तो ये झूठे लोग बेनकाब हो गए हैं।