लखनऊ, यूपी
राजधानी के केंद्र में मौजूद बलरामपुर अस्पताल… अचानक नदवा-तुल-उलेमा के सैकड़ों छात्र इस अस्पताल में पहुंच गए। सर पर टोपी लगाए और पैजामा कुर्ता पहने ये छात्र अस्पताल की ओपीडी में जाकर बैठ गए। इनके साथ उनके उस्ताद भी मौजूद थे। इतने में अस्पताल के निदेशक ओपीडी में पहुंचे। चारों तरफ मीडिया का जमावड़ा लगा था। अस्पताल के निदेशक ने सभी का स्वागत किया। दरअसल ये छात्र अस्पताल में रक्तदान करने आए थे।
ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम की ओर से शुक्रवार को बलरामपुर अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस रक्तदान शिविर में नदवा के करीब 200 छात्रों ने हिस्सा लिया। इनके रक्त संग्रहण का कार्य किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और बलरामपुर अस्पताल के ब्लड बैंक की ओर से किया गया।
रक्तदान शिविर के बाद चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के 45 सदस्यों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। रक्तदान शिविर की अध्यक्षता महासचिव मौलाना बिलाल नदवी ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बलरामपुर चिकित्सालय के निदेशक डॉ. राजीव लोचन थे। संचालन मौलाना कौसर नदवी ने किया।
डॉ. राजीव लोचन ने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है। इससे किसी तरह का कोई नुकसान रक्तदाता को नहीं होता है। इस संस्था ने काफी समय से हमारे अस्पताल में मरीजों की भलाई के लिए अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि रक्तदान में मिले रक्त से कई गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों की ज़िदगी बचाने के काम में आता है।
सीएमएस डॉ. ऋषि सक्सैना और अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने संस्था के कार्यों की सराहना की। इस कार्यक्रम में डॉ. रियाज, मौलाना शेख अबरार नदवी, मौलाना इंतखाब अल हसन नदवी, मोहम्मद शफीक चौधरी सहित बड़ी संख्या में नदवे के छात्र उपस्थित थे।