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3 Dec 2024, Tue

नदीम जावेद को मिला बड़ा ईनाम, राहुल गांधी ने बनाया अध्यक्ष

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डॉ अशफाक अहमद

नई दिल्ली
कांग्रेस के युवा तुर्क और पार्टी की पॉलिसी को मीडिया के सामने बेबाक तरीके से रखने वाले नदीम जावेद को बड़ी ज़िम्मेदारी मिली है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने नदीम जावेद पर भरोसा करते हुए उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी माइनॉरिटी विभाग का चेयरमैन बनाया है। पार्टी के गुुुजरात के सीनियर नेता सैयद खुर्शीद आलम  अभी तक ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी माइनॉरिटी विभाग चेयरमैन थे। नदीम जावेद के चेयरमैन बनने के बाद उनके आबाई वतन जौनपुर समेत पूरे देश में कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। कार्यकर्ताओं ने नदीम जावेद को बड़ी ज़िम्मेदारी देने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का धन्यवाद अदा किया है।

हाल ही में राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन 17 मार्च को नई दिल्ली में हुआ था। इस अधिवेशन में संचालन की ज़िम्मेदारी नदीम जावेद को सौंपी गई थी जिसे नदीम जावेद ने बखूबी निभाया था। नदीम जावेद इससे पहले भी कई महत्वपूर्व पदों पर रह चेके हैं। वो राहुल गांधी की युवा टीम के अहम हिस्सा रहे हैं। पार्टी में सक्रिय होने के बाद राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद ऐसा लग रहा था कि उन्हें बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है। आज मंगलवार को पार्टी ने उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी माइनॉरिटी विभाग का चेयरमैन बनाकर उन्हें ईनाम दिया है।

कॉरियर की शुरुआत
नदीम जावेद करीब ढाई दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। वैसे तो उनके पिता भी राजनीति में रहे हैं और वो महाराष्ट्र में काफी सक्रिय थे। पर नदीम जावेद ने अलग राह पकड़ी। उन्होंने खुद अपनी ज़मीन तैयार करने की ठानी। नदीम जावेद शिबली कॉलेज से छात्र राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद वो ज़िला कांग्रेस कमेटी जौनपुर से जुड़कर अपने राजनीतिक कॉरियर की शुरुआत की। ये वो वक्त था जब कांग्रेस धरातल पर थी। नदीम जावेद ने यहां युवाओं को जोड़कर कई छोटे बड़े जनआंदोलन किए। पार्टी में बढ़ती सक्रियता को देखते हुए नदीम जावेद को साल 1997-98 में राष्ट्रीय छात्र संगठन का प्रदेश महासचिव बनाया गया।

राष्ट्रीय राजनीत में प्रवेश
नदीम जावेद लगातार छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने कई छात्र आंदोलन किया। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर और ज़िम्मेदारी बढ़ाई और उन्हें राष्ट्रीय छात्र संगठन का राष्ट्रीय सचिव और झारखंड का प्रभारी बनाया गया। इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली प्रभारी बनाया गया। उस समय अशोक तंवर एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इस दौरान नदीम जावेद ने दिल्ली में संगठन की शानदार टीम तैयार की। नदीम जावेद के कुशल निर्देशन में दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के चुनाव में एनएसयूआई ने दो बार क्लीन स्वीप किया।

राष्ट्रीय छात्र संगठन के अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी
इसी समय अशोक तंवर को युवा कांग्रेस की ज़िम्मेदारी दी गई और नदीम जावेद को पार्टी ने एनएसयूआई का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। नदीम जावेद के नेतृत्व में दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक बार एनएसयूआई का प्रचम लहराया और तीन बार लगातार जीत हासिल हुई। इसके साथ ही नदीम जावेद ने कई प्रदेशों का दौरा किया। कभी छात्र राजनीति के लिए तो कभी प्रदेश के अलग-अलग चुनाव में पार्टी की तरफ से उन्हें लगातार ज़िम्मेदारियां दी गई। कई प्रदेशों की युनिवर्सिटी में उनके नेतृत्व में एनएसयूआई ने जीत का प्रचम लहराया।

राहुल गांधी की टीम का हिस्सा
इस बीच राहुल गांधी को कांग्रेस में महासचिव पद की ज़िम्मेदारी मिली। उन्होंने युवा नेताओं की एक टीम बनाई। इस टीम में भी नदीम जावेद शामिल थे। वो लगातार राहुल गांधी के दिशानिर्देश में काम करते रहे। उन्हें यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। इसके साथ ही पार्टी ने उन्हें एक और महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी सौंपी, उन्हें पार्टी की तरफ से मीडिया पैनेलिस्ट टीम में शामिल किया गया। वो प्रवक्ता की हैसियत से मीडिया में पार्टी का पक्ष रख रहे हैं।

जौनपुर से एमएलए बने
इस बीच पार्टी ने 2012 के विधाय सभा चुनाव में जौनपुर सदर सीट ने उन्हें टिकट देकर मैदान में उतारा। ये वो दौर था जब कांग्रेस को दो से तीन  हज़ार वोट मिलता था। नदीम जावेद ने यहां भी युवों की टीम बनाकर जीत हासिल करके सबको चौंका दिया। ये अलग बात ही कि 2017 के चुनाव में वो हार गए।

राहुल गांधी ने भरोसा जताया
नदीम जावेद को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी माइनॉरिटी विभाग का चेयरमैन बनाकर एक तरफ राहुल गांधी ने उन पर भरोसा जताया है तो दूसरी तरफ उन पर काफी बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी हैं। यूपी समेत तकरीबन सभी प्रदेशों में अल्पसंख्यक कहीं न कहीं पार्टी से दूर हैं। वजहें कुछ भी वो लेकिन मौजूदा नेतृत्व अल्पसंख्यकों में विश्वास पैदा करने में नाकाम रहा है। ऐसे में नये अध्यक्ष बने नदीम जावेद पर बड़ी ज़िम्मेदारी होगी कि वो अल्पसंख्यकों में पार्टी के फ्रति विश्वास पैदा करें। इसके साथ की पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के भरोसे पर खरा उतरने के लिए कुछ नये प्रयोग करें।