जश्न-ए-आज़ादी धूमधाम से मनाए मुसलमान: दारुल उलूम देवबंद

सहारनपुर, यूपी

मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने मुसलमानों से अपील की है कि वह जश्न-ए-आज़ादी का पूरी शिद्दत के साथ मनाएँ। दारुल उलूम ने मुसलमानों से कहा है कि वह इस मौके पर अपने घरों और व्यवसायिक संस्थानों में तिरंगा फहराएं और देशभक्ति की साथ जश्न-ए-आज़ादी मनाएं। मालूम हो कि दारुल उलूम देश का सबसे बड़ा इस्लामिक मदरसा हैं।

एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना अशरफ उस्मानी ने कहा कि दारुल उलूम देवबंद के मौलानाओं ने देश की आज़ादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। मौलाना उस्मानी ने कहा कि “पूर्ण आज़ादी” की मांग का नारा सबसे पहले दारुल उलूम देवबंद के मौलाना हुसैन अहमद मदनी और मौलावी अहमदुल्लाह शाह ने दिया था। बाद में यही मांग “पूर्ण स्वराज’ में बदल गई थी। मौलाना उस्मानी ने कहा आज़ादी की लड़ाई में हज़ारों मुसलमानों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी। यही नहीं देश के कई मदरसों के तमाम बड़े आलिम जंग-ए-आज़ादी में शहीद हो गए।

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मौलाना उस्मानी ने पूरे देश मुसलमानों से अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों और संस्थानों पर तिरंगा फहराने और जश्न-ए-आज़ादी को ज़ोरदार तरीके से मनाने की अपील की है। संस्थान के ही मौलाना कासमी ने कहा कि हमने मुसलमानों से कहा है कि वह अपने बच्चों को जंग-ए-आज़ादी के बारे में बताएं। उन्होंने कहा कि हम चाहते है कि मुसलमान बच्चे ये जाने कि कैसे उनके बुज़ुर्गों ने देश की आज़ादी में अपनी जान की कुर्बानी दी।

फैज़ाबाद के आयोध्या में एक मदरसा चलाने वाले हाफिज़ अखलाक अहमद लतीफी ने कहा कि मुसलमानों को सांप्रदायिक ताकतें हमेशा निशाना बनाती रही हैं। वह हमेशा हमारी देशभक्ति पर सवाल उठाती रही हैं। हाफिज़ अखलाक ने कहा कि हम अपने बच्चों को मुल्क से मोहब्बत और कौमियत सीख देते हैं।

2 COMMENTS

  1. MAI PNS KI PURI TEAM KO MUBARAK BAD DETA HOO
    AAPLOG ISI AAGE BADHTE RAHE AUR APNI QAUM KELIYE APNE DESH EK ACHCHA KAAM AUR EK MISAAL QAEM KARE…..ZUBAIR

    • आपका बहुत बहुत शुक्रिया। ऐसे ही हौसला देते रहें।

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