लखनऊ, यूपी
लखनऊ के कुछ जुनूनी मुस्लिम युवाओं ने कुछ अलग करने की ठानी। काफी विचार-विमर्श के बाद इन युवाओं ने तय किया कि वो राजधानी लखनऊ के ज़रूरतमंद और गरीब लोगों को एक वक्त का भरपेट खान उपलब्ध कराएंगे। युवाओं ने इसके लिए सभी धर्मों के लोगों को खाना खिलाने के लिए प्रयास शुरु किया। तय हुआ की गरीबों को शाकाहारी खाना मिलेगा ताकि सभी धर्मों के लोग जो ज़रूरतंद या फिर गरीब हो वेहिचक आएं और फ्री में खाना खाएं।
इसकी बाकायदा शुक्रवार को शाम में शुरुआत की गई। अब आज से रोजाना शाम को 7:30 बजे से 9:30 बजे तक सभी मज़हब के जरूरतमंद लोग चाहे वह हिंदू हो, मुसलमान, सिख या इसाई के लिए शुद्ध शाकाहारी खाने का लंगर चलेगा। ये व्यवस्था राजधानी लखनऊ के ऐशबाद ईदगाह में रखी गई है। एडम्स किचन नाम से शुरु की गई ये व्यवस्था जल्द ही शहर के दूसरे हिस्से में भी दिखाई देगी।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के बानी मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली के सहयोग से एडम्स किचन की शुरुआत हो चुकी है। इस कार्य में सक्रिय योगदान देने वाले डॉ अब्दुल अहद ने बताया कि ये प्रयास पिछले 6 महीने से चल रहा था। इसमें कई ऐसे लोग जुड़े हैं जो पर्दे के पीछे रहकर सहयोग कर रहे हैं। डॉ अहद ने बताया कि रोज़ाना 5 सौ से ज़्यादा लोगों को खिलाने का इंतज़ाम किया गया है। आगे इसे बढ़ाया जाएगा।
डॉ अहद ने कहा कि ऐडम्स किचन का मकसद है कि शहर की दूसरी मस्जिदों में भी इसी तरीके का लंगर शुरू हो जाए। साथ ही वो कहते हैं कि जो जिस तरह मदद करने चाहे वो एडम्स किचन का सहयोगी बन सकता है। उन्होंने कहा कि शहर के कई जगहों पर इसे शुरु करने के प्रयास किए गए लेकिन सबसे पहले मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने सहयोगा के साथ हर तरह की मदद का भरोसा दिया। यहीं वजह है कि इसे यहां शुरु किया गया है।
इस लंगर की शुरुआत होने के मौके पर शहर के हर फिरके और धर्म के लोग पहुंचे और सभी ने इसकी तारीफ की। लोगों का कहना है कि गरीबों को खाना खिलाना बेहद सबाब का काम है। की लोगों ने यहां गरीबों को खाना सर्व किया और बादा किया कि जब भी उन्हें वक्त मिलेगा वो यहां आकर सेवा करेंगे। एडम्स किचन से जुड़े लोगों के मुताबिक कोई भी सेवा देने यहां आ सकता है।