मस्जिद बेलाल इमामबाड़ा अलहदादपुर में रविवार को मुस्लिम महिलाओं के जलसे में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) हटाने की मांग की गई। जलसे में मौजूद महिलाओं ने मुल्क बचाओ एनआरसी, कैब हटाओ के नारे लगाए। आलिमाओं ने इल्म (शिक्षा), इखलाक (चरित्र) और दीन की अहमियत पर बयान किया।
फैजान ए औलिया ए किराम कमेटी की ओर से आयोजित महिलाओं के जलसे की मुख्य वक्ता आलिमा नाजिश फातिमा ने कहा कि भारत के संविधान ने राज्य यानी सरकारों को किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म, मूलवंश, जाति, जन्मस्थान आदि के आधार पर विभेद करने से प्रतिबंधित किया है। केंद्र सरकार की संसद ने भले ही यह कानून पास कर दिए हैं लेकिन यह संविधान की मूल भावना के विपरीत हैं। इस भेदभाव वाले कानून के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई जाएगी।
आलिमा नाजिश फातिमा ने बताया कि पैगंबर ए आजम नबी पाक ने इल्म की अहमियत का जिक्र बार बार किया है। आप ने इंसानों को शिक्षा के जेवर से चरित्र को खूबसूरत बनाने का पैगाम दिया। उलेमा बयान करते हैं कि अल्लाह के हुक्मों को वही बंदे ठीक से जानते समझते हैं जो इल्म रखते हैं। दीन का इल्म हासिल करने से दोनों जहां में आला मुकाम हासिल होगा। काशिफा बानो ने इस्लाम के पांच फर्ज वक्त से अदा करने, पर्दे की पाबंदी और इल्म हासिल करने की सलाह दी।
आलिमा गाजिया खानम ने इल्म हासिल करने पर जोर देते हुए कहा कि दीन और इल्म को मजबूती से थाम लिया जाए तो दुनिया आपके साथ होगी। फहमीदा खातून ने कहा कि कलाम ए पाक जीने का तरीका सिखाता है जो भी हिदायत चाहिए हमें अल्लाह के इस कलाम में तलाशनी चाहिए। जलसे को आलिमा नौशीन फातिमा, आलिमा शमीना जबी, मेहनाज फातिमा, नौशीन ने भी खिताब किया। इस मौके पर कहकशां बानो, साबरीन फातिमा, सैयद शबनम खातून, नूर सबा, जमीला परवीन, रईसुन निशा, रफीकुन निशा, अकबरी खातून, नूरसबा, अंजुम बानो सहित अनेक महिलाएं मौजूद रहीं।