गोरखपुर, यूपी
हरदोई जेल में बंद हत्या का आरोपी गोरखपुर के एक होटल में अपनी प्रेमिका संग आपत्तिजनक हालत में मिला। पुलिस ने जब छापा मारा तो उस वक्त हत्यारोपीअपनी प्रेमिका के संग दूसरे कमरे में था, जबकि आगे के कमरे में पुलिस के तीन सिपाही दावत उड़ा रहे थे। बता दें हरदोई जेल में बंद कुख्यात बंदी कामेश्वर सिंह उर्फ़ डब्लू को पुलिस देवरिया कोर्ट में पेशी पर लेकर आई थी। सोमवार को गोरखपुर पुलिस ने रेलवे स्टेशन के सामने से एक होटल में हत्यारोपी को उसकी प्रेमिका तीन दो साथी और तीन सिपाहियों के साथ पकड़ा। लेकिन बाद में लिखा-पढ़ी के बाद छोड़ दिया गया। मामले की सूचना हरदोई एसपी आलोक प्रियदर्शी को भी दी गई जिसके बाद तीनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया।
तीन हत्याओं का आरोपी है कामेश्वर सिंह
कैंट पुलिस के मुताबिक कामेश्वर सिंह देवरिया के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के पथरहट गांव का रहने वाला है। उसके ऊपर गांव के ही रमेश सिंह और अरुण सिंह की हत्या का आरोप है। इतना ही नहीं जिस प्रेमिका के साथ वह होटल में मिला उसके पति विवेक सिंह की हत्या में उस पर शामिल होने का आरोप है। अरुण सिंह और विवेक सिंह की हत्या के मामले में उसे जमानत मिल चुकी है। रमेश सिंह की हत्या में उसे जमानत नहीं मिली है और वह हरदोई जेल में बंद है।
सोमवार को वह रमेश सिंह की हत्या के मामले में कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। हरदोई पुलिस लाइन्स में तैनात सिपाही आनंद सिंह, अभय सिंह और अमन कुमार उसे पेशी पर देवरिया लेकर आए थे। पेशी से वापस हरदोई लौटने की जगह तीनों सिपाही उसे गोरखपुर के एक होटल में लेकर पहुंच गए। आरोप है कि कामेश्वर सिंह ने अपने दो साथियों अनिल मौर्य व राधेश्याम की मदद से अपनी प्रेमिका सुषमा को पहले से ही होटल में बुला रखा था। होटल में पहुंचते ही कामेश्वर प्रेमिका के संग एक कमरे में चला गया। बाहर के कमरे में सिपाही और उसके साथी खाना खा रहे थे।
अरुण सिंह के बेटे ने दी थी मौज-मस्ती की सूचना
बताया जा रहा है कि अरुण सिंह के बेटे दीपक सिंह ने कामेश्वर सिंह की मौज-मस्ती की सूचना एसएसपी डॉ सुनील कुमार गुप्ता को दी। जिसके बाद एसएसपी के निर्देश पर कैंट पुलिस ने होटल पर छापा मारा। पुलिस के घुसते ही पुलिस के सिपाही सकपका गए और वीडियो रिकॉर्डिंग का विरोध करने लगे। जब पुलिस ने दूसरा कमरा खुलवाया तो कामेश्वर नग्न हालत में मिला। हिरासत में लेने के बाद लिखा-पढ़ी की औपचारिकता पूरी कर कामेश्वर सिंह को तीनों सिपाहियों के साथ हरदोई रवाना कर दिया गया। जबकि उसकी प्रेमिका और दो साथियों को छोड़ दिया गया।