नई दिल्ली
अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय की केन्द्रीय क्षेत्र की योजना ‘नई मंज़िल’ के लिए पांच साल के वक्त लिए 650 करोड़ रुपये की मंज़ूरी मिल गई है। इसमें 325 करोड़ रुपये की विश्व बैंक की 50 फीसदी सहायता राशि शामिल है। वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते इस योजना को मंजूरी दी थी। परियोजना की कुल लागत का 50 फीसदी हिस्सा विश्व बैंक ने दिया है। विश्व बैंक के प्रतिनिधि ने इस प्रकार की योजना तैयार करने के लिए मंत्रालय की सराहना की है।
‘नई मंज़िल’ योजना अल्पसंख्यक समुदाय के लिए व्यापक शिक्षा और जीवन यापन के लिए एक पहल है। इस योजना का उद्देश्य उन अल्पसंख्यक युवाओं को फायदा पहुंचाना है, जिन्होंने स्कूल बीच में छोड़ दिया या मदरसा जैसे सामुदायिक शिक्षा संस्थानों से शिक्षित हैं। इसके तहत उन्हें प्रमाण पत्र सहित कौशल प्रशिक्षण और औपचारिक शिक्षा (कक्षा 8 या 10 तक) प्रदान की जाएगी। इससे उन्हें संगठित क्षेत्र में बेहतर रोजगार पाने में मदद मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। यह योजना पूरे देश में लागू की गई है।
‘नई मंज़िल’ योजना की क्षमता से प्रभावित होकर विश्व बैंक ने कहा कि वह इसी प्रकार के विकास की चुनौतियों का मुकाबला करने वाले अफ्रीका के देशों के लिए भी इस परियोजना की सिफारिश करेगा। अब अल्पसंख्यक मंत्रालय इस योजना के कार्यान्वयन के लिए कार्य कर रहा है, जिसमें निगरानी में सुधार, मूल्यांकन और इसी प्रकार की उद्देश्यों वाली मौजूदा योजनाओं का लाभ उठाना शामिल है। इस योजना के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय लगातार कोशिश कर रहा था।