पीएनएस टीम
जौनपुर, यूपी
ज़िले के सबसे मलाईदार और चर्चित थानों में एक खेतासराय वैसे तो शांत रहता है लेकिन इसके कुछ इलाके ज़रूर संवेदनशील हैं। खेतासराय थाने के अंतर्गत कुछ इलाके ऐसे है जहां ज़रा सी प्रशाननिक चूक से बड़ी घटना घट जाती है। ऐसा ही कुछ अभी हाल में हुआ जब खेतासराय थाना अंतर्गत अब्बोपुर बाज़ार में बड़ा बवाल हुआ। इस बवाल के बाद जो पुलिसिया तांडव देखने को मिला शायद इससे पहले इस इलाके ने कभी नहीं देखा। बवाल की पड़ताल करने पर एक बात तो बिल्कुल साफ हो जाती है कि ये बवाल पूरी तरह से प्रशासनिक चूक और नये थानेदार की विफलता की कहानी बयान करता है।
क्या था मामला
9 अगस्त को खेतासराय थाना क्षेत्र के लतीफपुर गांव निवासी एक युवक सोनू बिंद पुत्र राम मूरत की पेड़ से लटकती हुई लाश सीधा में मिली थी। दरअसल ये युवक घर का अकेला कमाने वाला था। युवक अपने घर से कुछ ही दूरी पर तेरही कार्यक्रम में एक दिन पहले रात में गया था फिर दूसरे दिन सुबह उसकी लाश पेड़ से लटकती हुई मिली।
क्यों हुआ बवाल
थाना खेतासराय में गोरारी, अब्बोपुर समेत कई इलाके काफी संवेदनशील है। यहां सड़क दुर्घटना समेत किसी भी मुद्दे पर अकसर बवाल हो जाता है। अब्बोपुर में कई बार पहले भी बवाल हो चुका है। लतीफपुर अब्बोपुर में युवक की मौत के बाद सुबह से ही बिंद समाज समेत स्थानीय लोगों का जमावड़ा लग गया। इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी। काफी देर बाद डायल 100 की पुलिस पहुंची।
देर से पहुंची खेतासराय पुलिस
स्थानीय लोगों के साथ पत्रकारों का भी जमावड़ा लग जाने के बाद भी घटना स्थल से सिर्फ 4 किमी दूर होने के बाद भी खेतासराय पुलिस काफी देर से पहुंची। लोगों में आक्रोश बढ़ता गया। दरअसल परिवार के लोग इसे हत्या बता रहे थे। इसके बाद मौके पर कई अधिकारी पहुंचे। लोगों की मांग पर डॉग स्कायड बुलाया गया।
पुलिस से हुई भारी चूक!
स्थानीय लोगों में आक्रोश, बढ़ती भीड़ ने इस बीच सड़क जाम कर दी। डॉग स्कायड मृतक के घर से सीधे तेरही वाली जगह पहुंचा तो भीड़ वहां पहुंच गई। इस बीच पुलिस ने बिना पंचनामा किए लाश उठाया और दूसरे रास्ते से निकल गई। तमाम अधिकारी भी घटना स्थल से चले गए और कुछ ही पुलिस वाले रह गए। यही पुलिस की सबसे बड़ी चूक थी। जैसे ही भीड़ को पता चला भीड़ ने बवाल कर दिया। फोर्स कम होने की वजह से भीड़ ने पुलिस पर हमला किया। कई वाहन तोड़े। बवाल देर तक चलता रहा। इस बाद जो अधिकारी वापस गए थे वो और साथ में कई थानों की फोर्स पहुंची। साथ ही ज़िले के कप्तान और डीएम भी घटना स्थल पर पहुंचे।
पुलिस तांडव से ग्रामीणों में दहशत
इस बीच पुलिस ने कई लोगों को मारा-पीटा। दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया। मृतक की बहन और बुआ को भी पीटा गया। गिरफ्तार महिलाओं ने आरोप लगाया कि थाने पर महिला पुलिस कर्मियों ने उन्हें नंगा करके पीटा। कई बेकसूर राहगीर और दुकानदारों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। कई घरों के दरवाजे तोड़े गए। दरअसल पुलिस ने नियम कानून ताक पर रख कर तांडव मचाया।
नये थानाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल
इस पूरे में मामले में खेतासराय के नए थानाध्यक्ष बने विजय प्रताप सिंह अपनी पहली ही अग्नि परीक्षा में पूरी तरह फेल हो गए। दरअसल एक महीने पहले ही उन्हें थानेदार बनाया गया। इससे पहले वो टीआई थे। थानेदार बनने के बाद एक हफ्ते वो वाहनों की चेकिंग करते रहे। सूत्रों की माने तो इस बीच क्षेत्र में सक्रिय दलालों का थाने पर जमावड़ा शुरु हो गया। अमूमन थानेदार इलाके में लगातार दौरे करके अपनी आमद दिखाता है। साथ ही संवेदनशील इलाके में वो नज़र रखने के साथ मुखबिरों को सक्रिय करता है, लेकिन अब्बोपुर बवाल से साफ जाहिर होता है कि नए थानाध्यक्ष ने इलाके को बारीकी से समझा ही नहीं। लाश मिलने के बाद भी थाने की पुलिस काफी देर से पहुंची। पुलिस ने भीड़ को इकठ्ठा होने दिया जबकि ये इलाका पहले से संवेदनशील था। लाश को बगैर पंचनामा पुलिस ने क्यों उठाया। ऐसे कई सवाल है जिससे ज़ाहिर होता है कि थानेदार ने इलाके के बारे में बारीकी से जानकारी हासिल नहीं की।
प्रशासनिक विफलता पर कार्रवाई कब
फिलहाल अब्बोपुर का इलाका शांत है। यहां की ज़िंदगी रोज़मर्रा पर मामूर हो गई है। पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि जो बेकसूर पकड़े गए और जिन्हें जेल भेजा गया उन्हें इंसाफ कब मिलेगा। पुलिस की लापरवाही और तांडव पर कार्रवाई कब होगी। आखिर इतना बवाल क्यों बढ़ा, क्या प्रशासन इसकी जांच कराएगा। क्या थानाध्यक्ष पर ज़िम्मेदारी तय होगी। ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनका जवाब ग्रामीण मांग रहे हैं।