लोकसभा के बाद गुरुवार (12 मार्च) को राज्यसभा में भी दिल्ली हिंसा पर चर्चा हुई। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने केंद्र की मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला। उन्होंने हिंसा के लिए मोदी सरकार को ज़िम्मेदार बताया।
सिब्बल ने कहा कि दिल्ली में हिंसा बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषणों की वजह से फैली। इन भड़काऊ भाषणों के ज़रिए दिल्ली में सांप्रदायिक वायरस को फलाया गया। जिसके चलते हिंसा हुई। उन्होंने अमित शाह से सवाल करते हुए कहा कि भड़काऊ भाषण देने वालों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई।
कांग्रेस नेता ने दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि दंगों के दौरान कई जगह पर पुलिस CCTV कैमरे तोड़ती हुई नज़र आई। इससे साफ होता है कि जो हिंसा में शामिल थे उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि दंगों में 85 साल के बुज़ुर्ग को भी ज़िदा जला दिया गया। उज्ज्वला योजना में जो गैस सिलेंडर मिले थे, उनमें आग लगाकर दंगाई लोगों के घरों में फेंक रहे थे। जिन लोगों का दंगों से कुछ लेना देना नहीं था ऐसे लोगों की मौतें भी हुईं।
कांग्रेस नेता ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आप गाय को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, क्या इंसानी जीवन को बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते हैं? क्या इंसानी जीवन की रक्षा के लिए हमें अलग से कानून लाने की जरूरत है?
सरकार को घेरते हुए सिब्बल ने कहा कि सरकार चाहती तो दिल्ली में 53 लोगों की जान लेने वाले इस वायरस को फैलने से रोक सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वह ख़ुद इस वायरस को फैलाना चाहती थी।
चर्चा के दौरान पुलिस पर निशाना साधते हुए सिब्बल ने उस व्यक्ति की घटना को भी उठाया जिसे पुलिस ने घायलावस्था में राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया और बाद में उसने पिटाई से चोटों के कारण दम तोड़ दिया।