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5 Nov 2024, Tue

नई दिल्ली

पिछले दिनों लोकसभा नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है जिसमें देश के सभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो प्रमुख को संबोधित करते हुए लिखा गया कि चैनल की तरफ से सपा के किसी भी नेता को ना बुलाया जाए। अब उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए कर्नाटक की सत्ताधारी पार्टी जेडीएस ने भी यही काम किया है।

दरअसल बीते शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से यह फैसला लिया गया कि अभी तक जितने पैनलिस्ट नामित किए गए थे उन सभी का नॉमिनेशन तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया। इसके साथ ही मीडिया वालों से स्पष्ट कर दिया गया है कि चैनल की तरफ से सपा के किसी भी नेता को ना बुलाया जाए।

अब यही फैसला जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने भी लिया। जिन्होंने अपने फरमान में कहा है कि पार्टी के प्रवक्ता और विधायक टीवी बहस में भाग नहीं लेंगे और ना ही प्रिंट मीडिया को कोई बयान जारी करेंगे।

कोई भी विधायक मीडिया से बात नहीं करेगा। इसके साथ ही जेडीएस का कोई इंटरव्यू नहीं होगा। नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाएगी।

यहां पर ये भी बताना ज़रूरी है की समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और बहुजन समाज पार्टी जैसे राजनीतिक दलों का सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी ने किया है तो वो है ‘मीडिया’।

JDS ASKS MLAS AND SPOKESPERSONS NOT TO INTERACT WITH MEDIA 2 270519

ये बात बहुजन समाज पार्टी को बहुत पहले से पता थी और उसने कभी भी मीडिया को मुंह नहीं लगाया लेकिन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल तब भी असमंजस की स्थिति में थे। 2019 के चुनाव में जहां ये दल केंद्र की सत्ता निर्धारित करने की क्षमता रखते थे वहां पर बमुश्किल कुछ ही सीटें जीतने में कामयाब रहे।

By #AARECH