इक़बाल अहमद
मुंबई, महाराष्ट्र
ये जो लाखों लोग #पैदल #साईकल #ट्रक #कंटेनर #लारी #टेम्पो #ऑटो से एक #प्रदेश से दूसरे प्रदेश एक ज़िले से दूसरे #ज़िले जा रहे है उनको कैसे #कोरेन्टीन करेंगे महाराज?
कैसे जाचेंगे ?
कैसे पहचान करेंगे ?
सरकारों को प्लानिंग करने के लिए 40 दिन का समय मिला था। इस अवधि में फंसे लोगों को इज़्ज़त से ट्रेन या बस से उनके गंतव्य स्थान पर पहुँचा दिए होते तो लोग भूखे भी न रहते न इतनी #क़यामत बरपा होती।
#सरकार तो एक ही नारा लगा कर शान्त बैठ जाती थी- “जो जहां है वही रहेगा” #Stay_Home .#Stay_Safe.. #Social_Distance..
अरे मूर्खों यह विशाल #भारत है अनन्त है कोई छोटा सा टापू या #क़बीला नही। देश में 2 करोड़ लोग हर वक़्त #ट्रेन में सफ़र कर रहे होते है, लाखों लोग #बसों में रहते है लाखों लोग #धार्मिक यात्रा में रहते है, हज़ारो लोग शादियों के लिए एक शहर से दूसरे शहर यात्रा में रहते है। लाखों #छात्र अपने घर से दूर दूसरे शहर में रह कर पढ़ाई कर रहे होते है। यहीं नहीं लाखों लोग इलाज के लिए एक शहर से दूसरे शहर भटकते रहे हैं।
तुम्हे तो किसी की ख़बर ही नही, तुमने आदेश में तानाशाहों को पीछे छोड़ दिया जिसका खमियाज़ा देश भुगत रहा है और आगे भी भुगतेगा…
ऊपर वाला ग़रीबो कमज़ोरों और बच्चों की हिफाज़त करे… आमीन