लखनऊ, यूपी
दुनियाभर में कोरोना के केस बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं। प्रतिदिन केस बढ़ने के मामले में अमेरिका के बाद भारत दूसरे नंबर पर आ गया है। देश में हर दिन करीब 27 हज़ार के ज़्यादा केस बढ़ रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। ऐसे में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसे व्यक्ति जिनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई हो, वो भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि ऐसे लोग जिनमें बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं उनका इलाज करना जरूरी है। इसके लिए उनकी जांच रिपोर्ट के आने का इंतजार नहीं करना चाहिए।
कोरोना का इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें मरीज में कोविड-19 के क्लिनिकल लक्षण दिख रहे होते हैं लेकिन कई बार उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है। चिकित्सकों ने कहा कि ऐसे मरीजों की लगातार कई जांच करने के बाद उनमें संक्रमण की पुष्टि हो पाई। ऐसे में इलाज शुरू करने के लिए रिपोर्ट पर निर्भर रहना मरीज के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।
रिपोर्ट आने का इंतजार न करे
लखनऊ के ईरा मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर डॉ डीके सिंह कहते हैं कि कोरोना के इलाज के लिए मरीज में दिख रहे लक्षणों की प्रबलता और सीटी स्कैन रिपोर्ट को प्रमुख कारक होना चाहिए। इलाज शुरू करने के लिए केवल आरटी-पीसीआर टेस्ट के परिणाम पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, जिसके सही होने की दर केवल 70 फीसदी है। डॉ सिंह के मुताबिक अगर हम केवल इन जांचों पर निर्भर रहे तो बड़ी संख्या में मरीज इलाज से ही वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की संवेदनशीलता भी महज 40 फीसदी है।
कोरोना के लक्षण के बावजूद रिपोर्ट निगेटिव
डॉ. डीके सिंह के मुताबिक ‘इलाज शुरू करने के लिए हम जांच रिपोर्ट के आने का इंतजार नहीं कर सकते। इसके लिए हमें लक्षणों को आधार मानना होगा।’ ऐसे मामलों में जिनमें मरीज में बीमारी के लक्षण तो कोविड-19 के दिख रहे हों लेकिन बार-बार जांच के बाद भी संक्रमण की पुष्टि न हो रही हो तो फेफड़ों का सीटी स्कैन कराना ज़रूरी होता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें बीमारी के लक्षण दिखने के बाद भी मरीज की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐसे मरीजों की तीन से चार बार आरटी-पीसीआर जांच कराने के बाद भी इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि, सीटी स्कैन में अलग निमोनिया के संकेत मिले हैं, जिसके कोविड-19 होने की प्रबल आशंका होती है।
सैंपल गलत तरीके से लेने पर बदल सकता है परिणाम
प्रोफेसर डॉ डीके सिंह के मुताबिक कई ऐसे मामले सामने आएं है जिनमें मरीजों के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी थीं। इसका मतलब उन्हें संक्रमण था लेकिन आरटी-पीसीआर जांच में इनकी रिपोर्ट निगेटिव आ रही थी। ऐसे में अगर मरीज में लक्षण दिख रहे हैं या मरीज बुजुर्ग है या वह किसी बीमारी से ग्रस्त है तो उसका इलाज कोविड-19 के हिसाब से किया जाना चाहिए और इसके लिए जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने का इंतजार नहीं करना चाहिए।
कुछ ज़रूरी सावधानिया
कोरोना से बचने को लेकर हम जो तैयारियाँ कर रहे हैं, अब उससे एक कदम आगे निकलने की ज़रूरत है। कुछ हिदायत जिन्हें अब आदत बनाना होगा…
1- बचाव के सभी आवश्यक हिदायत जैसे बार-बार हाथ धोना, सेनेटाइजर का इस्तेमाल, मास्क, गेलैप्स समेत फिसिकल डिस्टनसिंग का पालन करें।
2- अब कोरोना कम्युनिटी स्प्रेड की स्टेज में है। ऐसे में आपके पास “सेल्फ कोरेन्टीन” होने के लिए एक जगह यानी रूम होना चाहिए।
3- वैसे तो सेल्फ कोरेन्टीन की जगह सरकार को तैयार करना चाहिए लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों को देखते हुए ये कह सकते हैं कि सरकारी तैयारी नही है। इसलिए एक सेफ सेल्फ कोरेन्टीन रूम बना लें।
4- नौकरी या किसी और ज़रूरत के लिए बाहर जाने वाले लोग अपने परिवार की हिफाजत के लिए घर में दाख़िल होने से पहले शूज बाहर निकाले। घर के एंट्री जोन में ही कपड़े चेंज करे। फिर नहाकर या हाथ मुंह अच्छे से धोकर ही परिवार वालों में मिले।
5- एंट्री जोन में किसी घर वाले को आने से रोके। खास कर बच्चों या बूढ़ों को न आने दें।
6- घर में आने वाले ज़रूरत के सामान को आउटर जोन में काम से कम 2 घंटे के लिए छोड़ दे। उस पर हो सके तो सेनेटाइजर का छिड़काव करें।
7- घर में जो लोग भी बाहर से आएं उन्हें सेनेटाइज़ करें और काम से कम हाथ को ज़रूर सेनेटाइज़ करे।
8- कोशिश करें कि जब तक कोरोना महामारी का प्रकोप है। आप दूसरों के घर न जाएं और मेहमानों को अपने घर कम बुलाएं।
9- कोशिश करें कि आप घर से एक ही बार बाहर निकले। चाहे जॉब के लिए जा रहे हो या फिर किसी काम से निकले हों। बाहर जाने के बाद घर का जो ज़रूरी काम हो वो भी निपटा लें।
9- चाय पीने, मिलने जुलने या अनावश्यक रूप से घूमने बाहर न निकले। वाक, मॉर्निंग वॉक समेत दूसरे काम को फिलहाल बन्द कर दें।
10- जो लोग कोरोना इन्फेक्टेड एरिया में जाते हैं या फिर ड्यूटी कर रहे हैं। उनो खास सावधानी रखनी चाहिए।