बांग्लादेश की जानी-मानी लेखिका तसलीमा नसरीन सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहती हैं। उनके कई बयानों को लेकर विवाद भी होता रहता है। अब ज्ञानवापी के मामले में भी नसरीन ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट करके सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर को लेकर विवाद करने से अच्छा है कि एक बड़ प्रार्थना स्थल बना दिया जाए।
लेखिका ने ट्वीट में लिखा, इससे अच्छा है कि एक बड़ा सा प्रार्थना स्थल हो जो कि सबके लिए हो। इसमें 10 कमरे हों, एक कमरा हिंदुओं के लिए, एक कमरा मुस्लिमों के लिए, एक ईसाई के लिए, एक बौद्ध के लिए, एक सिख के लिए और एक यहूदी के लिए। एक कमरा जैन के लिए और एक पारसी के लिए। इसमें एक लाइब्रेरी, आंगन, बालकनी और टॉइलट हो। इसके अलावा प्रार्थना के लिए एक कॉमन रूम भी हो।
तसलीमा नसरीन की यह सलाह बहुत सारे ट्विटर यूजर को पसंद नहीं आई। एक यूजर ने लिखा, हिंदुओं के लिए मंदिर ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। मंदिर में बहुत कुछ होता है। यहां किसी का नियंत्रण नहीं होता। हॉल बनाना बेकार है।
एक अन्य यूजर ने कहा, आदरणीय मैडम, यह नमूना दुनिया में कहीं कामयाब नहीं हुआ है। अच्छा होगा कि सभी वर्गों को अलग-अलग जगह दी जाए। सभी को एक दूसरे की निजता और पूजा करने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए। एक यूजर ने कहा, इस सलाह के लिए धन्यवाद लेकिन इसे बांग्लादेश और पाकिस्तान में लागू करने की जरूरत है।
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदुओं ने पूजा का अधिकार मांगा है। याचिकाकर्ता ने परिसर का सर्वे कराने की मांग की थी। जिसके बाद तीन दिन तक एक कमिश्नर की देखरेख में सर्वे किया गया। सोमवार को हिंदू पक्षकार ने दावा किया कि यहां वजूखाने में शिवलिंग मिला है। अब कोर्ट ने इस परिसर को सील कर दिया है। मंगलवार को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।