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5 Oct 2024, Sat

मैं एक और मस्जिद नहीं खोना चाहता, कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाए: ज्ञानवापी मामले पर बोले ओवैसी

वाराणसी की एक जिला अदालत ने गुरुवार को ज्ञानवापी प्रकरण में कोर्ट कमिश्नर को हटाने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। इसके साथ ही उनके सहयोग में दो और कमिश्नर विशाल सिंह व अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया है। अदालत ने ताला खोलकर ज्ञानवापी के तहखाने का सर्वे करने का भी आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है। ओवैसी ने कहा कि मस्जिद की कमेटी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को फौरन सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।

ओवैसी ने कहा कि यह एक खुला उल्लंघन है और मुझे उम्मीद है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने एक बाबरी मस्जिद खो दी है और मैं दूसरी मस्जिद नहीं खोना चाहता। एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि योगी सरकार को उन लोगों के खिलाफ तुरंत केस दर्ज करना चाहिए जो धार्मिक स्थलों की प्रकृति को बदलने की कोशिश करते हैं। अगर अदालतें उन्हें दोषी पाती हैं, तो उन्हें 3 साल की जेल हो सकती है।

 

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य किए जाने पर ओवैसी ने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को सभी मदरसे देशभक्ति की बात करते हैं। मदरसों में देश प्रेम सिखाया जाता है। आप उन्हें शक की निगाह से देखते हैं, इसलिए ऐसे कानून बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि  योगी आदित्यनाथ और बीजेपी को मुझे देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है। जब देश का स्वतंत्रता संग्राम लड़ा जा रहा था तब संघ परिवार नहीं था। अंग्रेजों के खिलाफ ये मदरसे खड़े थे।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में गुरुवार से रोजाना राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य कर दिया गया। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडे ने गत 9 मई को सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस बारे में आदेश जारी किया। एसएन पांडे ने आदेश में कहा है कि पिछली 24 मार्च को बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप नये शिक्षण सत्र से सभी मदरसों में प्रार्थना के समय राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया है।

गौरतलब है कि प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने पिछले महीने मदरसों में राष्ट्रवाद की शिक्षा देने पर जोर दिया था। विभागीय राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने भी कहा था कि सरकार चाहती है कि मदरसे के छात्र देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हों। उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकार से अनुदान प्राप्त होता है।