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9 Nov 2024, Sat

कर्नाटक में हिजाब विवाद गहराया; मुस्लिम लड़के भी प्रोटेस्ट से जुड़े, CM ने की बैठक, HC में 8 फरवरी को सुनवाई

कर्नाटक

कर्नाटक में खड़ा हुआ हिजाब विवाद गहराता जा रहा है। उडुपी जिले में तीन और कॉलेजों ने हिजाब पहनकर आईं महिला मुस्लिम छात्राओं के एंट्री देने से इनकार कर दिया है। इसके खिलाफ कई मुस्लिम छात्र अपने क्लासमेट्स के सपोर्ट में धरने पर बैठ गए हैं। 28 दिसंबर, 2021 को उडुपी से इस तरह का पहला मामला आया था। अब तक कुल पांच शिक्षण संस्थानों- तीन सरकारी कॉलेजों और दो निजी संस्थानों ने हिजाब पहनने पर छात्राओं की एंट्री पर रोक लगा दी है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शुक्रवार को किसी संस्थान में पहली बार पुलिस तैनात की गई थी।

महिलाओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कार्रवाई उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। वहीं सरकार और अधिकारियों का तर्क है कि यह नियम शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों के प्रदर्शन को रोकने के लिए है। कई हिंदू छात्र कक्षा में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों का विरोध कर रहे हैं। वो स्थानीय छात्रों को संस्थानों में भगवा स्कार्फ पहनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

पुलिस की मौजूदगी में छात्राओं को गेट पर रोका गया
शुक्रवार को पहली घटना उडुपी के भंडारकर कॉलेज में हुई। छात्रों के अनुसार, जब वे सुबह कॉलेज पहुंचे तो हिजाब पहनकर आईं छात्राओं को कॉलेज के अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में गेट पर रोक दिया। कुंडापुर पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि कॉलेज के प्रिंसिपल का फोन आने के बाद पुलिस को तैनात किया गया था।

सरकार ने पोशाक संबंधी मौजूदा नियमों का पालन करने को कहा
हिजाब को लेकर विवाद के बीच कर्नाटक सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से पोशाक संबंधी मौजूदा नियमों का पालन करने को कहा है, जब तक कि उच्च न्यायालय अगले सप्ताह इस संबंध में कोई आदेश नहीं दे देता। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सरकार के रुख के बारे में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक की। मालूम हो कि कर्नाटक हाई कोर्ट में इस मामले पर 8 फरवरी को सुनवाई होगी।

विपक्ष बोला- यह छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
वहीं, कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के अधिकार पर मुस्लिम लड़कियों का समर्थन किया और भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया। सिद्धरमैया ने कहा कि किसी कॉलेज के अंदर वह भी एक सरकारी शैक्षणिक संस्थान में लड़कियों को प्रवेश से इनकार करना, विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने भाजपा पर छात्रों को भगवा शॉल पहनने, इसे मुद्दा बनाने के लिए उकसाने का आरोप लगाया।