जालना,महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के जालना में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शनिवार को दावा किया कि भारत की हज समिति (HCI) ने प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के इच्छुक मुस्लिम छात्रों के लिए अपनी आवासीय कोचिंग सुविधा में सीटों की संख्या घटा दी है और कहा कि इस कदम से समुदाय को नुकसान होगा.
हज समिति जालना के जिला अध्यक्ष शकील खान ने कहा कि मुंबई में हज हाउस में कोचिंग केंद्र में 2015 से हर साल 200 छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी कराई जाती थी, लेकिन अब छात्रों की संख्या घटाकर 100 कर दी गई है.
महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और विधान पार्षद डॉ वजहत मिर्जा ने भी इस कदम की निंदा की और कहा कि वह इस मामले को अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के समक्ष उठाएंगे.
‘ऑल महाराष्ट्र माइनॉरिटी एजुकेशन सोसाइटीज एंड टीचर्स ऑर्गनाइजेशन’ के अध्यक्ष ए एम देशमुख ने कहा कि इस तरह के फैसले से मुस्लिम समुदाय की प्रगति में बाधा आएगी, जो पहले से ही प्रतिकूल शिक्षा और आर्थिक परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं.
जमात-ए-इस्लामी हिंद की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव शेख मुजीब ने कहा कि कोचिंग सुविधा शुरू होने के बाद सिविल सेवा परीक्षा में मुस्लिम छात्रों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है और सीटों की संख्या कम करने से छात्रों के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा.
भारत की हज समिति केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है. यह हज समिति अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया है. यह एक कॉरपोरेट बॉडी है जिसमें निरंतर अधिकारी बदलते रहते हैं. हज के लिए मुसलमानों की तीर्थयात्रा की व्यवस्था करने और उससे जुड़े मामलों के लिए इसकी जिम्मेदारी है. इसके अलावा मुस्लिमों के कल्याण के लिए भी कई कार्य करता है.