नई दिल्ली
पूर्व आईएफएस अधिकारी और पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन का 82 साल की उम्र में इंतकाल हो गया। शहाबुद्दीन के इंतकाल की खबर उनके दामाद अफज़ल अमानुल्लाह ने दी। उन्होंने बताया कि सैयद शहाबुद्दीन को सांस लेने में तकलीफ होती थी जिसके चलते उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन सुबह ही उनका इंतकाल हो गया। उन्हें दिल्ली के लोधी रोड के कब्रिस्तान में बाद नमाज़ जोहर लगभग 1.30 बजे सुपर्दे खाक कर दिया गया।
इंतकाल पर मलाल
सैयद शहाबुद्दीन के इंतकाल की खबर आते ही लोगों ने गम का इज़हार किया। कई राजनीतिक दलों, नेताओं, सामाजिक संगठनों के उनके इंतकाल पर रंज-ओ-गम का इज़हार किया है। लोगों का कहना है कि मुसलमानों की बेबाक आवाज़ उठाने वाला एक जाबाज़ सिपाही अब नहीं रहा। उनकी कमी शायद ही कभी पूरी होगी।
शहाबुद्दीन की पैदाइश
सैयद शहाबुद्दीन का जन्म 1935 में बिहार राज्य अब झारखंड में हुआ था। 1958 में वह भारतीय विदेश सेवा यानी आईएफएस के लिए चुने गए थे। वो सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। विदेश मंत्रालय में रहने के दौरान वह दक्षिण-पूर्व एशिया, हिंद महासागर और प्रशांत के संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने राजनयिक, राजदूत और राजनेता के तौर पर कई अहम पदभार संभाले थे। उनके काम की तारीफ हर तरफ होती थी।
विश्लेषक भी रहे
सैयद शहाबुद्दीन पाकिस्तान, सऊदी अरब से लेकर कई देशों के अखबारों में उनके लेख छपते रहे। वो अलग-अलग विषयों पर लेख लिखते थे। सरकारी नौकरी में सेवा करने के बाद उन्होंने 1978 में भारतीय विदेश सेवा से इस्तीफा दे दिया और राजनीति में कदम रखा। उनका नाम सुर्खियों में पहली बार शाह बानो केस में सामने आया। उनके बाद वो बाबरी मस्जिद केस भी जुड़े रहे। बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद उन्होंने लोक सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा शहाबुद्दीन भारत के संघीय ढ़ांचे के पैरोकार के तौर पर भी जाने जाते थे।
साल 2004 से 2007 के बीच में वह ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुसावरात के अध्यक्ष भी रहे थे। वहीं वह लोक सभा और राज्य सभा दोनों दी सदनों के सदस्य रह चुके थे। वो बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सदस्य रहे। वो सामाजिक कामों में काफी सक्रिय रहते थे।
शहाबुद्दीन का परिवार
सैयद शहाबुद्दीन की बेटी परवीन अमानुल्लाह राजनीति में सक्रिय हैं। फिलहाल वो आम आदमी पार्टी की बिहार की बड़ी नेता हैं। इससे पहले वह बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं।