पांच साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पहली बार प्रेस कांफ्रेस की। पीएम मोदी पर लगातार सवाल उठते रहे हैं कि वह मीडिया से रूबरू नहीं होते। 2019 लोकसभा चुनाव का नतीजा आने से ठीक पांच दिन पहले पीएम मोदी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ प्रेस कांफ्रेंस में आए तो हर किसी के लिए हैरानी की बात थी। सबके मन में यही सवाल था कि पीएम मोदी आज क्या बोलेंगे। प्रेस वार्ता में पहले अमित शाह ने अपनी बात रखी और चुनाव में भाजपा की जीत का दावा किया। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियां बताईं। फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने कमान संभाली। उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में बातचीत शुरू की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार आने के साथ ही ईमानदारी का दौर भी शुरू हुआ। इस बात को उन्होंने सटोरियों का उदाहरण देकर समझाया।
उन्होंने कहा- पिछली बार 16 मई को नतीजा आया था। 17 मई को बहुत बड़ी कैजुअल्टी हुई थी, आज भी 17 मई है। सट्टाखोरों को मोदी की हाजिरी का अरबो-खरबों का घाटा हुआ था। तब सट्टा कांग्रेस की 150 सीटों के लिए चलता था, भाजपा का 200 के आसपास चलता था, सबके सब डूब गए थे। ईमानदारी की शुरुआत 17 मई को हो गई थी।
PM Modi: Election results came on May 16, 2014. A huge casualty took place on May 17, 2014. Today is May 17. People in 'Satta bazaar' who used to bet for Congress to win in elections faced huge losses on May 17 pic.twitter.com/rYQ6IpCvoj
— ANI (@ANI) May 17, 2019
फिर सवाल-जवाब…
इसके बाद सवाल जवाबों का दौर शुरू हुआ। उम्मीद थी की मोदी कुछ सवालों के जवाब जरूर देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रेस वार्ता के दौरान ही मोदी करीब 8-10 मिनट बोले। सवाल जवाब के दौर में वह चुप ही रहे। राफेल, प्रज्ञा ठाकुर बयान जैसे सवाल उनसे पूछे गए थे लेकिन जवाब अमित शाह की तरफ से आया।
ऐसा ही एक सवाल था राफेल से जुड़ा हुआ। पत्रकार की तरफ से सवाल आया तो जवाब अमित शाह ने दिया। जब पीएम से जवाब देने की मांग उठी तो उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप गलत हैं। इस पर पीएम ही जवाब दें जरूरी नहीं है। कांग्रेस पर भी कई आरोप लगते हैं तो क्या उन्होंने जवाब दिया है। इसी तरह साध्वी प्रज्ञा का नाथूराम गोडसे पर बयान वाला सवाल भी पीएम मोदी की तरफ उछाला गया था, लेकिन खुद पीएम मोदी ने अमित शाह से इसका जवाब देने को कहा।