लखनऊ, यूपी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष व मशहूर शिया धर्मगुरु मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक का मंगलवार की रात 10 बजे निधन हो गया। उन्होंने लखनऊ के एरा मेडिकल कालेज में अंतिम सांसें लीं। उनके बेटे कल्बे सिब्तैन नूरी ने उनके निधन होने की पुष्टि करते हुए बताया कि बीते 17 नवंबर को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से लगातार उनकी तबीयत खराब रही।
कई दिन से काफी गंभीर थी हालत
इससे पहले रात में मौलाना कल्बे सादिक कैंसर, गंभीर निमोनिया और संक्रमण से पीड़ित 81 वर्षीय मौलाना सादिक पिछले करीब डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें बीते 17 नवंबर को सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया के चलते आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। वो पिछले कई दिनों से आईसीयू में ही एडमिट थे। मौलाना कल्बे सादिक के निधन के बाद उनके बेटे ने इसे कौम का बड़ा नुकसान बताया।
आज ही होगी तदफीन
मौलाना डॉ. कल्बे सादिक की मजलिस बुधवार सुबह 10 बजे यूनिटी कॉलेज में होगी। कॉलेज के कम्पॉउंड में 11.30 बजे नमाज-ए-जनाज़ा होगी। दोपहर 2 बजे चौक स्तिथ इमामबाड़ा गुफरानमाब में तदफीन होगी।
पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े रहे
मौलाना सादिक लंबे समय से आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष थे। देश-विदेश में ख्यातिप्राप्त डॉ. सादिक शिक्षा और खासकर लड़कियों व निर्धन बच्चों की शिक्षा के लिए हमेशा सक्रिय रहे। यूनिटी कालेज और एरा मेडिकल कालेज के संरक्षक भी थे।
आपसी भाईचारा, मोहब्बत और शिक्षा को दिया बढ़ावा
मौलाना डॉ. कल्बे सादिक को पूरी दुनिया आपसी भाईचारे और मोहब्बत का पैगाम देते शिया धर्मगुरु के रूप में जानती है। उन्होंने हर बात में शिक्षा को भी बढ़ावा दिया। विदेशों में मजलिस पढ़ने जाते थे और मोहब्बत का पैगाम देते थे।