जौनपुर/लखनऊ, यूपी
एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ लगातार अधिकारियों को आदेश दे रहे हैं कि अवैध तरीके से ज़मीनों पर कब्ज़ा करने और सरकारी ज़मीनों पर कब्ज़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। यहीं नहीं आदेश यहां तक है कि ऐसे लोगों को चिन्हित करके भू-माफिया घोषित करें लेकिन ज़िले के संबंधित अधिकारी आंखें बंद करके भू-माफियाओं के पक्ष में खड़े नज़र आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जौनपुर ज़िले के खेतासराय का है, जहां भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उन्होंने “शत्रू संपत्ति” को ही प्लाट करके बेचना शुरु कर दिया। इस मामले में शिकायत मिलने पर सीएम कार्यालय ने सख्त रुख अपनाया है और ज़िलाधिकारी को कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
क्या है मामला
जौनपुर के खेतासराय कस्बे में स्थित गोलाबाजार है। ये बाज़ार काफी पुराना और ऐतिहासिक है। यहां ज़मीनें काफी महंगी है। इसी बाज़ार में एक बड़ा प्लाट “शत्रू संपत्ति” है। इस पर कई भू-माफिया और दबंगों की काफी समय से नज़र है। अभी हाल में स्थानीय दबंगों ने मिलकर खेल खेल दिया। यहां रह रहे लोगों को बेदखल करके उस पर कब्ज़ा किया गया और अब छोटे प्लाट काट कर लाखों में बेचा जा रहा है।
सीएम कार्यालय को मिली शिकायत
“शत्रू संपत्ति” पर प्लाटिंग का दावा करते हुए इलाके के एक स्थानीय निवासी ने इसकी लिखित शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजी। साथ ही सीएम शिकायत पोर्टल पर भी लिखित शिकायत दर्ज कराई। सीएम कार्यालय शिकायत मिलते ही सक्रिय हुआ और जांच का आदेश दिया।
सीएम कार्यालय ने दिए जांच के आदेश
28 सितंबर, 2020 को सीएम कार्यालय में तैनात उप सचिव अजय कुमार ओझा ने डीएम जौनपुर को मामले की जांच के लिए आदेश जारी किया। डीएम जौनपुर ने 14 अक्टूबर को जांच के आगे बढ़ाते हुए इस मामले की पूरी जांच करने के लिए सहायक महानिरीक्षक, स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन, जौनपुर को जांच सौंपी।
शिकायतकर्ता ने न्याय की गुहार लगाई
शिकायतकर्ता ने अपने शिकायती पत्र में अपने लिए भी भी न्याय की गुहार लगाई है। शिकायतकर्ता का दावा है कि उसने इसी प्लाट के बगल में एक अन्य प्लाट का एग्रीमेंट उसके मालिक से कराया था लेकिन स्थानीय दबंगों द्वारा प्रश्रय देकर कब्जा करा दिया है। शिकायतकार्ता को अब प्लाट मिल रहा है। शिकायतकर्ता ने इस मामले में मामले की जांच कर एग्रिमेंट के मुताबिक जमीन दिलाने की गुहार लगाई है।
संदेह के घेरे में नगर पंचायत
कस्बा खेतासराय में अधिकारियों की नाक के नीचे “शत्रू संपत्ति” के बेचे जाने पर कानो-कान खबर न मिली हो ऐसा हो ही नहीं सता। इस मामले में पीएनएस टीम ने जब पड़ताल की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। पीएनएस टीम ने कई डाक्यूमेंट इकठ्ठा किया। वहीं सूत्रों ने बताया कि स्थानीय नगर पंचायत संदेह के घेरे में हैं। सूत्रों के मुताबिक नगर पंचायत के कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी इस मामले में हिस्सेदार हैं।
भू-माफियाओं और दबंगों की गिरफ्त में इलाका
पीएनएस के स्थानीय रिपोर्टरों के मुताबिक इस इलाके में अवैध तरीके से सैकड़ों प्लाटिंग का काम चल रहा है। इनमें से ज़्यादातर प्लाटिंग का न तो मानचित्र स्वीकृत कराया जाता है और न ही लेनदेन नंबर एक से सही होता है। इससे एक तरफ तो अवैध रूप से प्लाट बिक रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। यहीं नहीं इस मामले में रजिस्ट्री के बाद न तो लेखपाल और न ही कोई अधिकारी मौका-मुआएना करते हैं। कई दबंग गरीबों की ज़मीन, खलिहान, ग्राम समाज यहां तक कि पोखर- तालाब भी पाट कर बेच रहे हैं।
पीएनएस की अपील
पीएनएस मीडिया इस मामले में एक महिम चलाने जा रहा है। अगर आपके आसपास अवैध तरीके से प्लाटिंग हो रही है या फिर किसी दबंग ने आपकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर दिया है, या फिर ग्राम समाज और पोखर को पाट कर प्लाटिंग की जा रही है तो ऐसे मामले की पूरी डिटेल पीएनएस मीडिया हाउस को भेजें। पीएनएस इस मामले को परज़ोर तरीके से उठाएगा और न सिर्फ अधिकारियों के संज्ञान में बल्कि सीएम योगी के संज्ञान में भी इस मुद्दे को फहंचाने की कोशिश केरगा। साथ ही पीएनएस इस मामले में पूरी जानकारी को गुप्त रखेगा।
इस मेल आईडी पर भेजे- pnskhabar@gmail.com