आज़मगढ़, यूपी
प्रदेश में कानून व्यवस्था का हाल जानना हो तो आज़मगढ़ ज़िले के सरायमीर थाने में जाइए। इस थाने में अगर आप पीड़ित हैं तो एफआईआर दर्ज कराने में लाले पड़ जाएंगे। दूसरी तरफ जब ये मामला पुलिस से थोड़ा सा भी जुड़ा हो तो पुलिस की कार्रवाई बिल्कुल बदल जाती है। पुलिस फौरन एफआईआर दर्ज कर लेती है।
ताज़ा मामला एमआईएम के ज़िलाध्यक्ष कलीम जामई से जुड़ा है। कलीम जामई में अपने फेसबुक एकाउंट से एक पोस्ट डाली है। इस पोस्ट में उन्होंने थाना के अंदर हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में लिखा है, साथ ही सरायमीर थाने के थानाध्यक्ष राम नरेश यादव पर गंभीर आरोप लगाये गए हैं। जैसे ही ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई खुद थानाध्यक्ष ने अपनी तरफ कलीम जामई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।
थानाध्यक्ष राम नरेश यादव द्वारा अपने ही थाने में दर्ज कराई एफआईआर में कलीम जामई पर धारा 66ए आईटी एक्ट व 501 आईपीसी की धारा के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ है। थानाध्यक्ष ने एफआईआर में लिखा है कि कलीम जामई थाने में एचएस नं 8ए हैं। दरअसल राजनीति से जुड़े कलीम जामई पर कई राजनीतिक मुकदमें विभिन्न सरकारों में दर्ज किए गए हैं।
पीड़ित महिला को अब तक नहीं मिला इंसाफ
अब दूसरी तरफ देखें तो सरायमीर थाना के खरेवां मोड़ एक महिला के मकान पर दबंग रात में जीसीबी लेकर पहुंच गया और महिला और उसके बच्चों को घर में बंद करके मकान का आधा हिस्सा गिरा दिया। महिला की शिकायत के बाद भी थाने में एफआईआऱ नहीं दर्ज की गई। इस मामले में पीएनएस ने खबर चलाई। उच्चधिकारियों ने पीएनएस की खबर को संज्ञान में लेते हुए आदेश दिया उसके बाद भी दबंग के खिलाफ कार्रवाई न करके पीड़ित पक्ष को मुकदमें में फंसा दिया। पीड़ित महिला इंसाफ के लिए ज़िले के आलाधिकारियों के यहां चक्कर काट रही हैं।